अधीर रंजन चौधरी बोले: ममता बनर्जी और योगी आदित्यनाथ में कुछ खास अंतर नहीं, दोनों ही नेता गलत काम करते हैं


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 28 Apr 2022 10:54 PM IST

सार

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी के दावे सुनने में तो अच्छे लगते हैं लेकिन उनमें और योगी आदित्यनाथ में कुछ विशेष अंतर नहीं है।

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कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के वो दावे सुनने में अच्छे लगते हैं कि उन्होंने बंगाल को हाथरस या उन्नाव नहीं बनने दिया। चौधरी ने कहा कि लेकिन ममता बनर्जी और योगी आदित्यनाथ के बीच कुछ खास अंतर नहीं है। दोनों ही नेता गलत काम करते हैं। पश्चिम बंगाल से सामूहिक दुष्कर्म, राजनीतिक हिंसा और हत्याओं की घटनाएं इस समय सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं। 

इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने आज केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भी लिखा। इस पत्र में रेलवे की संपत्तियों का सांप्रदायिक नफरत और सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इस्तेमाल करने से जुड़ा हुआ है। चौधरी ने इस मामले में गंभीरता से जांच करने की मांग उठाई है। उनका यह पत्र बीते दिनों बेंगलुरु-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस में एक विवादित अखबार वितरित किए जाने से संबंधित है। ट्रेन में वितरित किए गए इस अखबार को प्रोपेगंडावादी बताया गया था और यह आईआरसीटीसी के तहत पंजीकृत भी नहीं था।

विस्तार

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के वो दावे सुनने में अच्छे लगते हैं कि उन्होंने बंगाल को हाथरस या उन्नाव नहीं बनने दिया। चौधरी ने कहा कि लेकिन ममता बनर्जी और योगी आदित्यनाथ के बीच कुछ खास अंतर नहीं है। दोनों ही नेता गलत काम करते हैं। पश्चिम बंगाल से सामूहिक दुष्कर्म, राजनीतिक हिंसा और हत्याओं की घटनाएं इस समय सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं। 

इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने आज केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भी लिखा। इस पत्र में रेलवे की संपत्तियों का सांप्रदायिक नफरत और सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इस्तेमाल करने से जुड़ा हुआ है। चौधरी ने इस मामले में गंभीरता से जांच करने की मांग उठाई है। उनका यह पत्र बीते दिनों बेंगलुरु-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस में एक विवादित अखबार वितरित किए जाने से संबंधित है। ट्रेन में वितरित किए गए इस अखबार को प्रोपेगंडावादी बताया गया था और यह आईआरसीटीसी के तहत पंजीकृत भी नहीं था।



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