न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sat, 12 Feb 2022 09:41 PM IST
सार
बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में पुराने और नई पीढ़ी के नेताओं के बीच बन रही कलह की स्थिति को समाप्त करने के लिए ममता बनर्जी ने यह फैसला लिया है।
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विस्तार
इस कार्य समिति के गठन के फैसले को पार्टी में बनर्जी के नियंत्रण पर जोर देने और टीएमसी के पुराने व नए नेताओं के बीच मतभेदों को रोकने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष फिर से चुने जाने के बाद ममता बनर्जी ने पार्टी से जुड़े मामलों को संबोधित करने के लिए एक छोटी समिति का गठन करने की घोषणा की थी।
चटर्जी ने कहा कि आज उस समिति की बैठक हुई और बैठक में उन्होंने पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्य समिति का एलान किया। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी नए पदाधिकारियों की नियुक्ति बाद में करेंगी और तब इसे निर्वाचन आयोग के पास भेजा जाएगा।’
इस समिति में अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत बख्शी, सुदीप बंदोपाध्याय, अभिषेक बनर्जी, अनुब्रता पटेल, अरूप बिश्वास, फिरहाद हाकिम और यशवंत सिन्हा को जगह मिली है। टीएमसी के युवा नेता,और ममता बनर्जी के भतीजे एक व्यक्ति एक पद की व्यवस्था की वकालत करते रहे हैं। वहीं, पुराने नेताओं ने उन्हें पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।