राष्ट्रगान का अपमान: मुंबई की अदालत ने ममता बनर्जी को जारी किया समन, दो मार्च को पेश होने का निर्देश


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Wed, 02 Feb 2022 04:43 PM IST

सार

राष्ट्रगान का अपमान करने के एक मामले में मुंबई की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समन जारी कर पेश होने के लिए कहा है। यह मामला पिछले साल दिसंबर का है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
– फोटो : पीटीआई (फाइल)

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विस्तार

मुंबई की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दो मार्च को पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने बनर्जी को यह आदेश पिछले साल उनकी मुंबई यात्रा के दौरान राष्ट्रगान का कथित अपमान करने के खिलाफ दर्ज शिकायत को लेकर दिया है। यह शिकायत मुंबई भाजपा के नेता विवेकानंद गुप्ता ने दर्ज कराई है।

अदालत ने यह भी कहा कि यद्यपि ममता बनर्जी एक मुख्यमंत्री हैं उनके खिलाफ कार्यवाही पर आगे बढ़ने के लिए मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और इस पर किसी तरह की रोक नहीं लागू होती है क्योंकि वह अपने आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रही थीं। अदालत ने यह बात पिछले साल दिसंबर में मुंबई में आयोजित कार्यक्रम को लेकर कही। 

भाजपा की मुंबई इकाई के कार्यकर्ता विवेकानंद गुप्ता एक शिकायत के साथ दिसंबर 2021 में ही मझगांव की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के पास एक शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी इस शिकायत में आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी मुंबई की यात्रा के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया था।

गुप्ता ने इस मामले में बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की थी।

अदालत ने कहा, पहली नजर में बनर्जी ने किया अपमान

अदालत ने कहा कि यह प्रथम दृष्टया शिकायत, शिकायतकर्ता के बयान, वीडियो क्लिप और यूट्यूब पर वीडियो से स्पष्ट है कि आरोपी ने राष्ट्रगान गाया और अचानक रुक गईं और फिर मंच छोड़ दिया। यह प्रथम दृष्टया साबित करता है कि आरोपी ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा तीन के तहत दंडनीय अपराध किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले साल दिसंबर में मुंबई दौरे पर आई थीं। यहां उन्होंने सत्ताधारी शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से मुलाकात की थी। शिकायतकर्ता गुप्ता का दावा है कि बनर्जी ने गृह मंत्रालय के 2015 के आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रगान बजाए अथवा गाए जाते समय वहां पर मौजूद सभी लोगों को खड़े होना चाहिए।

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