पंजाब: सीएम भगवंत मान से मुलाकात के बाद किसानों ने धरना किया स्थगित, मुक्तसर के डीसी और डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 06 Apr 2022 01:03 AM IST

सार

दोनों नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लंबी में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और जिला श्री मुक्तसर साहिब में कपास की कुल फसल का 50 फीसदी नुकसान के हिसाब से करीब 50 करोड़ रुपये किसानों को व पांच करोड़ रुपये कपास चुनने वाले मजदूरों को तुरंत देने के अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, किसानों-मजदूरों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग मान ली।

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भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में दोनों यूनियन ने श्री मुक्तसर साहिब में कपास की कुल फसल का नुकसान 50 फीसदी मानते हुए मुआवजा देने और उसका 10 फीसदी मुआवजा मजदूरों को देने की मांग की गई। 

वहीं कपास चुनने वाले मजदूरों की शिनाख्त करने के लिए गांवों में साधारण सभाएं करने, लंबी में लाठीचार्ज कराने वाले डीसी मुक्तसर और डीएसपी मलोट के खिलाफ कार्रवाई करने और मजदूर व किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग रखी गईं। भाकियू एकता-उग्राहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने बैठक के बाद जारी प्रेस बयान में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है, जिसके चलते मुक्तसर में डीसी दफ्तर के बाहर जारी धरना स्थगित कर दिया गया है।

दोनों नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि मुक्तसर के तत्कालीन डीसी ने जानबूझ कर गुलाबी सुंडी से कपास को हुए नुकसान की सही गिरदावरी नहीं करवाई। कपास चुनने वाले मजदूरों की शिनाख्त का काम भी नहीं कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजे से बाहर रखे गए हकदार किसान-मजदूरों को मुआवजा सूची में शामिल करने की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज कराया गया।

दोनों नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लंबी में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और जिला श्री मुक्तसर साहिब में कपास की कुल फसल का 50 फीसदी नुकसान के हिसाब से करीब 50 करोड़ रुपये किसानों को व पांच करोड़ रुपये कपास चुनने वाले मजदूरों को तुरंत देने के अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, किसानों-मजदूरों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग मान ली। बैठक में मौजूद अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।

विस्तार

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में दोनों यूनियन ने श्री मुक्तसर साहिब में कपास की कुल फसल का नुकसान 50 फीसदी मानते हुए मुआवजा देने और उसका 10 फीसदी मुआवजा मजदूरों को देने की मांग की गई। 

वहीं कपास चुनने वाले मजदूरों की शिनाख्त करने के लिए गांवों में साधारण सभाएं करने, लंबी में लाठीचार्ज कराने वाले डीसी मुक्तसर और डीएसपी मलोट के खिलाफ कार्रवाई करने और मजदूर व किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग रखी गईं। भाकियू एकता-उग्राहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने बैठक के बाद जारी प्रेस बयान में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है, जिसके चलते मुक्तसर में डीसी दफ्तर के बाहर जारी धरना स्थगित कर दिया गया है।

दोनों नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि मुक्तसर के तत्कालीन डीसी ने जानबूझ कर गुलाबी सुंडी से कपास को हुए नुकसान की सही गिरदावरी नहीं करवाई। कपास चुनने वाले मजदूरों की शिनाख्त का काम भी नहीं कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजे से बाहर रखे गए हकदार किसान-मजदूरों को मुआवजा सूची में शामिल करने की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज कराया गया।

दोनों नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लंबी में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और जिला श्री मुक्तसर साहिब में कपास की कुल फसल का 50 फीसदी नुकसान के हिसाब से करीब 50 करोड़ रुपये किसानों को व पांच करोड़ रुपये कपास चुनने वाले मजदूरों को तुरंत देने के अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, किसानों-मजदूरों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग मान ली। बैठक में मौजूद अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।



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