पंजाब: सीएम मान बोले- पठानकोट हमले के बाद सेना भेजने पर केंद्र ने मांगे थे 7.5 करोड़, राजनाथ सिंह ने इस बात पर किए थे माफ


एनएनआई, चंडीगढ़
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Sat, 02 Apr 2022 12:50 AM IST

सार

पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के प्रति केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाया। कहा कि पठानकोट हमले के बाद पंजाब को 7.5 करोड़ का बिल भेज दिया था।

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पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट हमले के दौरान पंजाब में सेना आई और मुकाबला किया। कुछ दिनों बाद हमें चिट्ठी मिली कि पंजाब हमें 7.5 करोड़ रुपये दे क्योंकि हमने सेना भेजी थी। हम तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास गए और कहा कि 7.5 करोड़ रुपये हमारे सांसद निधि से काट लीजिए पर हमें लिखकर दे दीजिए कि हमने पंजाब को किराए पर सेना दी, पंजाब देश का हिस्सा नहीं है। सबसे पहले बंदूक की गोलियां हमारी छाती पर चलती हैं। इसके बाद बात न बढ़े इसलिए उन्होंने पैसे माफ किए। 

सदन में मान ने बताया कि आतंकवादियों ने 2016 में जब पठानकोट एयरबेस पर हमला किया तो केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ राज्य के पुलिस बल ने निजी सुरक्षा की परवाह किए बिना आतंकवादियों के हमले का जवाब दिया।
 

केंद्र ने इस संबंध में राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया करवाने के एवज में 7.50 करोड़ रुपये का बिल दिया था। अंत में यह रकम उस समय के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निजी दखल से उनके साथी सांसद साधु सिंह के साथ मुलाकात के बाद माफ कर दी गई। मान ने कहा कि यह बहुत विरोधाभासी है कि सरहदी राज्य जो आतंकवाद की मार झेल रहा है, को भी अपनी सुरक्षा के लिए
मोटी रकम अदा करनी पड़ी है।
 

पीएम मोदी पर साधा निशाना
पंजाब विधानसभा में भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में कोई भी काम करना हो तो उपराज्यपाल से अनुमति मांगनी पड़ती है वहां सीएम का कुछ नहीं चलता, क्योंकि वहां सरकार किसी और पार्टी की बनी हुई है। पंजाब ने केंद्र सरकार से एक्स्ट्रा बिजली मांगी लेकिन हमें मना कर दिया गया और हरियाणा को दे दिया। साथ ही कहा कि दूसरी तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास तो कहां है साथ? ना आपको साथ देना है और ना ही आपको साथ लेना है।

विस्तार

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट हमले के दौरान पंजाब में सेना आई और मुकाबला किया। कुछ दिनों बाद हमें चिट्ठी मिली कि पंजाब हमें 7.5 करोड़ रुपये दे क्योंकि हमने सेना भेजी थी। हम तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास गए और कहा कि 7.5 करोड़ रुपये हमारे सांसद निधि से काट लीजिए पर हमें लिखकर दे दीजिए कि हमने पंजाब को किराए पर सेना दी, पंजाब देश का हिस्सा नहीं है। सबसे पहले बंदूक की गोलियां हमारी छाती पर चलती हैं। इसके बाद बात न बढ़े इसलिए उन्होंने पैसे माफ किए। 

सदन में मान ने बताया कि आतंकवादियों ने 2016 में जब पठानकोट एयरबेस पर हमला किया तो केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ राज्य के पुलिस बल ने निजी सुरक्षा की परवाह किए बिना आतंकवादियों के हमले का जवाब दिया।

 

केंद्र ने इस संबंध में राज्य को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया करवाने के एवज में 7.50 करोड़ रुपये का बिल दिया था। अंत में यह रकम उस समय के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निजी दखल से उनके साथी सांसद साधु सिंह के साथ मुलाकात के बाद माफ कर दी गई। मान ने कहा कि यह बहुत विरोधाभासी है कि सरहदी राज्य जो आतंकवाद की मार झेल रहा है, को भी अपनी सुरक्षा के लिए

मोटी रकम अदा करनी पड़ी है।

 

पीएम मोदी पर साधा निशाना

पंजाब विधानसभा में भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में कोई भी काम करना हो तो उपराज्यपाल से अनुमति मांगनी पड़ती है वहां सीएम का कुछ नहीं चलता, क्योंकि वहां सरकार किसी और पार्टी की बनी हुई है। पंजाब ने केंद्र सरकार से एक्स्ट्रा बिजली मांगी लेकिन हमें मना कर दिया गया और हरियाणा को दे दिया। साथ ही कहा कि दूसरी तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास तो कहां है साथ? ना आपको साथ देना है और ना ही आपको साथ लेना है।





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