नीलामी बाद स्पेक्ट्रम के बीच हार्मोनाइजेशन की प्रक्रिया पूरी, आवंटन 12 अगस्त तक: अश्विनी वैष्णव


हाइलाइट्स

सरकार नीलामी में कंपनियों द्वारा लिए गए स्पेक्ट्रम को समय पर आवंटित करने के लिए काम कर रही है.
हाल ही में पूरी हुई थी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी, इसमें रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं.
स्पेक्ट्रम हार्मोनाइजेशन से कंपनियों की क्षमता बढ़ती है.

नई दिल्ली. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) संपन्न होने के कुछ ही दिन के भीतर स्पेक्ट्रम हार्मोनाइजेशन (Harmonisation) प्रक्रिया पूरी कर ली है. इससे अधिक दक्षता के लिए एक बैंड विशेष के भीतर कंपनियों के पास उपलब्ध संबंधित स्पेक्ट्रम को दुरुस्त किया जाता है.

5जी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है स्पेक्ट्रम हार्मोनाइजेशन प्रक्रिया
स्पेक्ट्रम हार्मोनाइजेशन प्रक्रिया 5जी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है. इसके तहत सभी दूरसंचार सर्विस प्रोवाइडर्स की सहमति के साथ एक बैंड के भीतर उपलब्ध रेडियो तरंग के एक समूह को एक निकटवर्ती ब्लॉक में लाया जाता है. स्पेक्ट्रम हार्मोनाइजेशन से कंपनियों की क्षमता बढ़ती है क्योंकि एक बैंड में उनके पास उपलब्ध रेडियो तरंगों के हिस्से को एक साथ लाया जाता है. यह कार्य कंपनियों की सहमति से किया जाता है.

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12 अगस्त तक कर दिया जाएगा स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया
वैष्णव ने कहा कि सरकार नीलामी में कंपनियों द्वारा लिए गए स्पेक्ट्रम को समय पर आवंटित करने के लिए काम कर रही है. आवंटन 12 अगस्त तक कर दिया जाएगा. सचिवों की समिति से इस बारे में मंजूरी की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. वैष्णव ने कहा, ‘‘हमने 12 अगस्त तक स्पेक्ट्रम आवंटित करने का जो वादा किया है, उस पर आगे बढ़ रहे हैं. चीजें समय पर हैं.’’

1 अगस्त को पूरी हुई थी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी, सरकारी खजाने में आए 1.5 लाख करोड़ रुपये
देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी इस सप्ताह सोमवार (1 अगस्त, 2022) को पूरी हुई. इसमें रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं. इस साल बोली के तहत 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को रखा गया था. इसमें 51,236 मेगाहर्ट्ज यानी 71 प्रतिशत स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई.

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एक दिन में पूरी हुई हार्मोनाइजेशन की प्रक्रिया
प्रत्येक नीलामी के बाद हर कंपनी के पास एक बैंड में जो अलग स्पेक्ट्रम होते हैं, उसे हार्मोनाइजेशन प्रक्रिया के तहत एक साथ लाया जाता है. इस स्थानांतरण में सभी कंपनियों की सहमति होती है. आमतौर पर इस प्रक्रिया में तीन महीने लगते हैं. वैष्णव ने कहा, ‘‘यह कठिन प्रक्रिया है लेकिन हमने इसे एक दिन में ही पूरा कर लिया. टीम ने इस पर बहुत ध्यान से काम किया है.’’

5G नेटवर्क में मिलेगी 10Gbps तक की स्पीड, यूजर्स को होंगे कई फायदे
गौरतलब है कि 5जी एक लेटेस्ट नेटवर्क है जो पहले से कहीं ज्यादा तेज इंटरनेट स्पीड (मल्टी-Gbps पीक स्पीड), अल्ट्रा लो-लेटेंसी ऑफर (बेहद कम रुकावट) करता है. इसमें यूजर को ज़्यादा भरोसेमंद बड़ी नेटवर्क क्षमता मिलती है. 4जी के मुकाबले 5जी टेक्नोलॉजी ज्यादा बेहतर इंटरफेस के साथ आएगी. जहां 4जी में 150 Mbps तक की अधिकतम स्पीड मिलती है, वहीं 5जी में 10Gbps तक डाउनलोड स्पीड होने की बात कही जा रही है. इसका मतलब हुआ कि कि यूजर्स 5जी स्पीड के साथ एक पूरी एचडी फिल्म को महज कुछ सेकेंड में डाउनलोड कर सकेंगे.

Tags: 5g, 5G network, Ashwini Vaishnaw

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