रेपो रेट में वृद्धि के बाद बैंको ने भी एफडी पर ब्याज बढ़ाया, क्या यही है निवेश का सही समय?


नई दिल्ली. आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि किए जाने के बाद अब बैंकों ने भी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर बढ़ा दी है. बैंक एफडी को हमेशा से निवेश का सुरक्षित तरीका माना गया है और अब ब्याज वृद्धि के बाद लोगों का आकर्षण इस तरफ और बढ़ा है. लेकिन क्या इस वक्त बैंक एफडी में निवेश करना फायदे का सौदा है?

विशेषज्ञों की राय इस पर थोड़ी नकारात्मक है. मनीकंट्रोल में छपे एक लेख के अनुसार, अभी बैंक एफडी में निवेश करने से इन्वेस्टर्स को बहुत अधिक लाभ नहीं मिलने वाला है. निवेशकों को कम समय में बेहतर रिटर्न के लिए अन्य विकल्प तलाशने चाहिए.

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बहुत मामूली वृद्धि
जानकारों का कहना है कि एक तरफ आरबीआई ने मई-जून में 2 बार रेपो रेट बढ़ाकर ब्याज 90 बेसिस पॉइंट महंगा कर दिया है. वहीं, बैंक एफडी अभी 50 बेसिस पॉइंट तक ही ऊपर जा पाए हैं. यह ब्याज दर भी निवेशकों को केवल लंबी अवधि के एफडी पर ही मिल रही है. 1-3 साल की एफडी के ब्याज में केवल 10-30 बेसिस पॉइंट का ही इजाफा हुआ है. मसलन, एसबीआई अभी 1 साल की एफडी पर 5.3 फीसदी ब्याज दे रहा है और वरिष्ठ नागरिकों को 5.8 फीसदी. लेकिन महंगाई दर 7.04 तक जा चुकी है. इस हिसाब से देखा जाए तो आपको मिलने वाला रिटर्न नेगेटिव में जा रहा है. इसके बाद एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी भरना होता है.

अभी निवेश करने से बचें
यह ब्याज दरें बढ़ने का शुरुआती चरण हैं. इस समय दिख रहे थोड़े से मुनाफे के चलते निवेशकों को एफडी में लंबी अवधि का निवेश नहीं करना चाहिए. उदाहरण के लिए अगर एसबीआई 5 साल की एफडी पर 5.5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है तो भी वह बढ़ी हुई मुद्रास्फीति को नहीं काट पा रहा. इसके बाद रिटर्न पर लगने वाला टैक्स एक वृहद परिदृश्य में आपके गेन को नेगेटिव में ला दे रहा है. वित्तीय योजनाकार पारुल महेश्वरी कहती हैं कि अगर आप एफडी में निवेश करना ही चाहते हैं तो आपको 1,2,3 साल के टेन्योर में मिश्रित निवेश करना चाहिए और फिर मैच्योरिटी पर उसे निकालकर उस समय की ब्याज दरों के हिसाब से रिइन्वेस्ट कर देना चाहिए.

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क्या है अन्य निवेश के विकल्प
महेश्वरी के अनुसार, निवेशकों को AAA रेटेड गैर-वित्तीय संस्थानों के फिक्स्ड डिपॉजिट को देखना चाहिए. उन्होंने बताया कि एचडीएफसी 15 माह के एफडी पर 6.05 फीसदी का ब्याज दे रहा है. जबकि एचडीएफसी बैंक का ब्याज इससे कम 5.35 फीसदी है. सिनर्जी कैपिटल सर्विसेज के विक्रम दलाल कहते हैं कि निवेशक छोटी अवधि में गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और टैक्स-फ्री बॉन्ड्स को भी आजमा सकते हैं. इसके अलावा टारगेट मैच्योरिटी फंड्स या ओपन एंडेड शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं.

Tags: Bank FD, Fixed deposits, Investment

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