अमर उजाला सम्मान समर्पण का : सेहत के प्रहरियों का किया मान, डिप्टी सीएम बोले-हर रोगी को इलाज, डॉक्टरों को सुरक्षा देंगे


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कानपुर में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने रविवार को अमर उजाला ‘सम्मान समर्पण का’ समारोह में घोषणा की। साथ ही सबसे वादा भी किया  कि समाज के अंतिम पायदान के रोगी को भरपूर इलाज मिलेगा। डॉक्टरों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे किसी तरह की हिंसक घटना का शिकार न होने पाएं। 
उन्होंने कहा कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेगा, जिससे चिकित्सीय सेवाएं पर्याप्त होंगी। अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरों को यह सुझाव देना भी नहीं भूले कि जब अस्पताल जाएं, तो गेट पर एक नजर जरूर मार लें। वहां असहाय रोगी पड़ा हो, तो उसे भर्ती करा दें। इससे सुकून मिलेगा और अच्छी नींद आएगी। खुद अपना अनुभव बताया कि जब भी वह निरीक्षण के लिए जाते हैं, तो उन्हें गेट पर कोई न कोई रोगी मिल जाता है।

‘सम्मान समर्पण का’ समारोह का आयोजन होटल लैंडमार्क में किया। समारोह में शहर के जाने-माने 32 सेहत के प्रहरियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर उन्होंने अमर उजाला की सरोकारी पत्रकारिता और पीड़ितों की आवाज उठाने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वह उन्नाव से सांसद रहे हैं। उन्नाव और कानपुर जुड़े हुए हैं। ऐसे में कोई भी समस्या उन तक पहुंचाने में कोई हिचके मत। 

इस मौके पर डॉक्टरों ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के समक्ष अपनी बातें रखीं,  जिसका उन्होंने माकूल जवाब दिया और जनता का दुख हरने के लिए सभी का सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि 99 फीसदी लोगों की महंगा इलाज कराने की हैसियत नहीं होती है। उनको सरकारी व्यवस्था में इलाज दिया जा रहा है। बहुत से रोगी इलाज कराने के लिए घर, गहने बेच कर दवा लेते हैं। 

गंगा में स्नान करने से अधिक पुण्य एक रोगी के चेहरे पर मुस्कान लाने से मिलता है। डिप्टी सीएम ने यह भी वादा किया कि आम आदमी को बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलाने के साथ डॉक्टरों को लाइसेंस देने और मेडिकल छात्रों की पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। प्रक्रिया का आसान बनाया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन देवाशीष देवराय और डॉ. अनुराग मल्होत्रा ने किया। 

समारोह के दौरान अमर उजाला संवाद में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से आम आदमी के इलाज की समस्याओं और डॉक्टरों से जुड़े मुद्दों पर सवाल किए गए। डिप्टी सीएम ने इन पर खुलकर बात की। समस्याएं जानीं, इसके साथ ही इनके समाधान के लिए वादा भी किया। प्रदेश की सेहत को लेकर उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी बताईं। जो कमियां अभी हैं उन्हें खुद बताया, साथ ही इनके हल करने के लिए सरकार की ओर से तैयार की गई कार्ययोजना को भी साझा किया। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश….

  • आम आदमी की सेहत को लेकर सरकार की कार्ययोजना क्या है?

– स्वास्थ्य नंबर एक पर है। हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेगा और नर्सिंग कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जाएंगी। रोगी अपने घर संतुष्ट होकर लौटें। अस्पतालों में शत-प्रतिशत हाजिरी हो। रोगी और तीमारदारों की चिंता कम हो। सौ  दिनों की कार्ययोजना पर अभी काम कर रहे हैं।
 

  • जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर डॉक्टरों की कमी है। कैसे दूर करेंगे?

– अभी मेडिकल कॉलेजों में 19 हजार डाक्टर और नौ हजार नर्सें हैं। एक डॉक्टर पर दो नर्स का मानक है। 16 जिलों में कॉलेज बन गए हैं। दो जनपदों में पीपीपी मोड पर बनाए जा रहे हैं। इनसे डाक्टरों की कमी दूर होगी।
 

  • ओपीडी में रोगियों को स्ट्रेचर नहीं मिलता। इलाज में दिक्कत होती है। क्या करेंगे?

-यूपी में स्वास्थ्य महकमा राउंड दि क्लॉक काम कर रहा है। डेढ़ लाख रोगी ओपीडी में प्रतिदिन आते हैं। इनमें 12 हजार एक्सीडेंटल केस होते हैं और आठ हजार गंभीर रोगी होते हैं। इनमें 99 फीसदी रोगी संतुष्ट होकर अस्पताल से जाते हैं। हो सकता है कि कुछ को दिक्कत रह जाती हो। उसे भी दूर कर लिया जाएगा।
 

  • डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर क्या कर रहे हैं?

-डॉक्टरों के सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे। सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी और घटना पर कड़ी कार्रवाई होगी। कानून अपना काम करेगा।
 

  • जिला अस्पताल, सीएचसी रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं। क्या करेंगे?

-सीएचसी पर अभी संसाधनों की कमी है। हर जगह विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। हर सीएचसी और अस्पताल में रजिस्टर रखवा दिया गया है। अगर किसी रोगी को रेफर किया जाता है, तो उसका कारण रजिस्टर में दर्ज करना होगा। प्रतिदिन रात तक उनके पास सारे अस्पतालों का आंकड़ा आ जाता है।

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कानपुर में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने रविवार को अमर उजाला ‘सम्मान समर्पण का’ समारोह में घोषणा की। साथ ही सबसे वादा भी किया  कि समाज के अंतिम पायदान के रोगी को भरपूर इलाज मिलेगा। डॉक्टरों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे किसी तरह की हिंसक घटना का शिकार न होने पाएं। 

उन्होंने कहा कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेगा, जिससे चिकित्सीय सेवाएं पर्याप्त होंगी। अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरों को यह सुझाव देना भी नहीं भूले कि जब अस्पताल जाएं, तो गेट पर एक नजर जरूर मार लें। वहां असहाय रोगी पड़ा हो, तो उसे भर्ती करा दें। इससे सुकून मिलेगा और अच्छी नींद आएगी। खुद अपना अनुभव बताया कि जब भी वह निरीक्षण के लिए जाते हैं, तो उन्हें गेट पर कोई न कोई रोगी मिल जाता है।



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