AMFI Monthly Data : पहली बार एसआईपी अकाउंट्स (SIP accounts) की संख्या महीने के दौरान रिकॉर्ड 5 करोड़ के स्तर पर पहुंच गए. 26 लाख नए अकाउंट्स खुलने के साथ ही एसआईपी अकाउंट्स (SIP accounts) की संख्या 5 करोड़ से ज्यादा हो गई. दिसंबर, 2021 में 4.98 करोड़ SIP accounts की तुलना में यह ग्रोथ खासी महत्वपूर्ण है.
इक्विटी फंड्स (Equity funds) में जनवरी के दौरान 14,887.77 करोड़ रुपये का मजबूत इनफ्लो दर्ज किया गया, जो इससे पिछले महीने के 25,082.54 करोड़ रुपये कम रहा. हालांकि, संभावित रूप से ऐसा कम संख्या में न्यू फंड ऑफर्स (New Fund Offers) की वजह से रहा.
वैल्यू/ कॉन्ट्रा फंड्स को छोड़कर सभी फंड्स में बढ़ा निवेश
इक्विटी स्कीम्स के लिए जनवरी में असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 13,56,106.47 करोड़ रुपये रहा. Association of Mutual Funds in India (AMFI) द्वारा जारी डाटा के मुताबिक, वैल्यू/ कॉन्ट्रा फंड्स को छोड़कर सभी कैटेगरीज के इक्विटी फंड्स (equity funds) में इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी दर्ज की गई. स्माल-कैप फंड्स (Small-cap funds) में 1,498 करोड़ रुपये का शानदार इनफ्लो दर्ज किया गया, जो अगस्त, 2021 के बाद इस श्रेणी में सबसे ज्यादा निवेश है.
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डेट फंड्स (debt funds) की बात करें तो इसमें 5,081.61 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखने को मिला, जबकि एक महीने पहले इन स्कीम्स में 49,037.52 तक करोड़ रुपये का निवेश निकाला गया था. सभी बड़े डेट फंड्स में से लिक्विड फंड्स (liquid funds) में 14,396.91 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया.
वहीं बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड्स से 2,537.22 करोड़ रुपये का आउटफ्लो रहा. Exchange Traded Funds (ETFs) में पिछले महीने में 8,860.97 करोड़ रुपये का निवेश आया. इंडेक्स फंड की बात करें तो उनमें 4,914.43 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया.
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फोलियोज की संख्या 12 करोड़ के पार
शानदार खुदरा भागीदारी के दम पर जनवरी, 2022 में कुल फोलियोज की संख्या 12.31 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई, जो मासिक आधार पर 28 फीसदी फीसदी और सालाना आधार पर 29 फीसदी ग्रोथ रही.
AMFI के चीफ एग्जीक्यूटिव एनएस वेंकटेश के मुताबिक, जनवरी ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स की तुलना में “खासा अच्छा” रहा. हालांकि भारतीय इक्विटी मार्केट में ज्यादा गिरावट नहीं रही, जिसका मतलब है कि आने वाले महीनों में पॉजिटिव आउटलुक और इनफ्लो रहेगा. इसकी वजह मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की बढ़ती भागीदारी भी हो सकती है, जो भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा करते हैं.
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