एनालिसिस: शिवम मावी का एक ओवर कोलकाता पर पड़ा भारी, फिंच-अय्यर फिर फेल, तीन बल्लेबाज नहीं छू सके दहाई का आंकड़ा


सार

कोलकाता की टीम 14.3 ओवर में 101 रनों पर सिमट गई। यह 2008 के बाद भारत में उसका लोएस्ट स्कोर है। पिछली बार 2008 में टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 68 रनों पर सिमट गई थी।

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किसी टीम के शुरुआती चार विकेट 41 गेंद के अंदर गिर जाएं तो उसके लिए मैच में वापसी मुश्किल हो जाती है। कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ भी यही हुआ। गेंदबाजों ने पहले शानदार प्रदर्शन किया और लखनऊ सुपर जाएंट्स जैसी मजबूत टीम को 176 रनों पर रोक दिया। इसके बाद बल्लेबाजों की बारी थी, लेकिन उन्होंने कोलकाता को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एरॉन फिंच से लेकर कप्तान श्रेयस अय्यर तक सभी फेल रहे।

कोलकाता की टीम 14.3 ओवर में 101 रनों पर सिमट गई। यह 2008 के बाद भारत में उसका लोएस्ट स्कोर है। पिछली बार 2008 में टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 68 रनों पर सिमट गई थी। पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आठ मई (रविवार) का दिन कोलकाता के लिए भूलने वाला रहा। टीम के 11 में सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू सके। आंद्रे रसेल ने 19 गेंदों पर 45 रन बनाकर मैच  को रोमांचक बनाने की कोशिश की, लेकिन यह काफी नहीं था। कोलकाता के साथ पिछले दो-तीन सीजन एक बड़ी समस्या निरंतरता की रही है। टीम के खिलाड़ी टुकड़ों में बेहतर खेलते हैं। यही उनकी हार की सबसे बड़ी वजह है।
लखनऊ के खिलाफ मिली इस हार के बाद कोलकाता के लिए प्लेऑफ की राह कठिन हो गई। उसके 11 मैचों में आठ अंक हैं। अब तीन मैच कोलकाता के बाकी हैं। उन्हें जीतने पर टीम को छह अंक मिलेंगे। ऐसे में कोलकाता 14 मैचों में 14 अंकों तक ही पहुंच पाएगी। दूसरी ओर, लखनऊ ने इस जीत के साथ अपना एक पैर प्लेऑफ में रख दिया है। उसके 11 मैचों में 16 अंक हैं।

मैच में टर्निंग पॉइंट
शिवम मावी का एक ओवर:
18 ओवर में लखनऊ ने चार विकेट पर 142 रन बनाए थे। ऐसा लग रहा था कि अगले दो ओवरों में टीम ज्यादा से ज्यादा 20 रन बना सकेगी। 19वें ओवर में शिवम मावी गेंदबाजी करने आए। मार्कस स्टोइनिस ने पहली तीन गेंदों पर तीन छक्के लगा दिए। चौथी गेंद पर वो आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद जेसन होल्डर बल्लेबाजी के लिए आए और आते ही दो छक्के लगा दिए। इस ओवर में 30 रन बने।


 
कोलकाता की पारी के शुरुआती 41 गेंद: कोलकाता की टीम ने 6.5 ओवर में चार विकेट गंवा दिए। ऐसा नहीं है कि लखनऊ के किसी एक गेंदबाज ने कहर बरपाया हो। दरअसल, मोहसिन खान, दुष्मंथा चमीरा, आवेश खान और जेसन होल्डर ने मिलकर कोलकाता की पारी को तहस-नहस कर दिया। चारों ने एक-एक विकेट लिए। पावरप्ले में बाबा इंद्रजीत, श्रेयस अय्यर और एरॉन फिंच आउट हुए। पावरप्ले खत्म होते ही नीतीश राणा भी पवेलियन लौट गए। 41 गेंदों में चार विकेट गंवाने के बाद कोलकाता की टीम मैच से करीब-करीब बाहर हो गई।

आंद्रे रसेल का विकेट: सातवें ओवर में रसेल बल्लेबाजी के लिए उतरे। उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और 19 गेंद पर 45 रन बना दिए। इस दौरान तीन चौके और पांच छक्के लगाए। रसेल का स्ट्राइक रेट 236.84 का रहा। वेस्टइंडीज का यह बल्लेबाज कई बार अकेले भी मैच निकाल चुका था, लेकिन लखनऊ के खिलाफ ऐसा नहीं हो सका। आवेश खान ने 13वें ओवर की दूसरी गेंद पर उन्हें होल्डर के हाथों कैच कराकर कोलकाता की आखिरी उम्मीद को भी खत्म कर दिया।


 
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
कोलकाता के कप्तान श्रेयस अय्यर और लखनऊ के कप्तान केएल राहुल दोनों का बल्ला इस मैच में नहीं चला। पहले राहुल शून्य पर आउट हो गए और फिर अय्यर ने नौ गेंद पर छह रन बनाए। हां, कप्तानी में भी दोनों खिलाड़ियों ने फील्डिंग के दौरान अच्छा काम किया। अय्यर के गेंदबाजों ने बेहतर काम किया, लेकिन बल्लेबाजों ने उनकी टीम को शर्मनाक हार दिलाई।

कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष:
गेंदबाजी में टिम साउदी, सुनील नरेन और आंद्रे रसेल ने बेहतरीन काम किया। तीनों ने आठ से कम की इकोनॉमी रेट से रन दिए। आंद्रे रसेल ने तेजी से रन बनाए, लेकिन टीम को जीत दिलाने के लिए वह काफी नहीं था। दूसरे छोर से उन्हें साथ नहीं मिला।

नकारात्मक पक्ष: गेंदबाजी में शिवम मावी, हर्षित राणा और अनुकूल रॉय महंगे रहे। मावी ने तो चार ओवर में 50 रन दे दिए।  बल्लेबाजी में रसेल को छोड़कर किसी भी बल्लेबाज का बल्ला नहीं चला। सभी फ्लॉप रहे।

लखनऊ सुपर जाएंट्स के लिए क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष:
बल्लेबाजी में क्विंटन डिकॉक ने 29 गेंदों पर 50 रन बनाए। दीपक हुड्डा ने 27 गेंद पर 41, मार्कस स्टोइनिस ने 14 गेंद पर 28 और जेसन होल्डर ने चार गेंद पर 13 रनों की उपयोगी पारी खेली। गेंदबाजी में मोहसिन खान, चमीरा और आवेश ने किफायती और खतरनाक गेंदबाजी की।

नकारात्मक पक्ष: बल्लेबाजी में कप्तान राहुल शून्य पर आउट हो गए। क्रुणाल पांड्या ने 27 गेंदों पर 25 और आयुष बदोनी ने 18 गेंदों पर 15 रन रनों की धीमी पारी खेली। गेंदबाजी में जेसन होल्डर और रवि बिश्नोई काफी महंगे साबित हुए। होल्डर ने हालांकि तीन विकेट जरूर लिए, लेकिन 2.3 ओवर में उन्होंने 31 रन दे दिए।

विस्तार

किसी टीम के शुरुआती चार विकेट 41 गेंद के अंदर गिर जाएं तो उसके लिए मैच में वापसी मुश्किल हो जाती है। कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ भी यही हुआ। गेंदबाजों ने पहले शानदार प्रदर्शन किया और लखनऊ सुपर जाएंट्स जैसी मजबूत टीम को 176 रनों पर रोक दिया। इसके बाद बल्लेबाजों की बारी थी, लेकिन उन्होंने कोलकाता को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एरॉन फिंच से लेकर कप्तान श्रेयस अय्यर तक सभी फेल रहे।

कोलकाता की टीम 14.3 ओवर में 101 रनों पर सिमट गई। यह 2008 के बाद भारत में उसका लोएस्ट स्कोर है। पिछली बार 2008 में टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 68 रनों पर सिमट गई थी। पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आठ मई (रविवार) का दिन कोलकाता के लिए भूलने वाला रहा। टीम के 11 में सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू सके। आंद्रे रसेल ने 19 गेंदों पर 45 रन बनाकर मैच  को रोमांचक बनाने की कोशिश की, लेकिन यह काफी नहीं था। कोलकाता के साथ पिछले दो-तीन सीजन एक बड़ी समस्या निरंतरता की रही है। टीम के खिलाड़ी टुकड़ों में बेहतर खेलते हैं। यही उनकी हार की सबसे बड़ी वजह है।



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