Mohammed Zubair: जुबैर को एक और झटका, हाथरस कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा


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ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को एक और झटका लगा है। हाथरस की अदालत ने जुबैर को पेशी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वह साल 2018 में उसके खिलाफ दर्ज हुए दो मुकदमों में पेश होने के लिए अदालत पहुंचा था।
 

मालूम हो कि हिंदू देवी देवताओं के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे जुबैर की जमानत पर आज ही सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही अदालत ने एक अन्य मामले में उसे न्यायिक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी। 

जुबैर के खिलाफ शिकायत में आरोप है कि उसने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की थी। उनके ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके अनुयायियों व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।

गिरफ्तरी के बाद को मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए द्वारका स्थित आईएफएसओ के कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ में उनके ट्वीट को आपत्तिजनक पाया गया। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को एक और झटका लगा है। हाथरस की अदालत ने जुबैर को पेशी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वह साल 2018 में उसके खिलाफ दर्ज हुए दो मुकदमों में पेश होने के लिए अदालत पहुंचा था।

 

मालूम हो कि हिंदू देवी देवताओं के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे जुबैर की जमानत पर आज ही सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही अदालत ने एक अन्य मामले में उसे न्यायिक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी। 

जुबैर के खिलाफ शिकायत में आरोप है कि उसने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की थी। उनके ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके अनुयायियों व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।

गिरफ्तरी के बाद को मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए द्वारका स्थित आईएफएसओ के कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ में उनके ट्वीट को आपत्तिजनक पाया गया। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।





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