Anthony Albanese: भारत पर क्या है ऑस्ट्रेलिया के नए पीएम एंथनी अल्बनीस की राय, वीएचपी से क्यों जुड़ रहा नाता?


सार

ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस दो बार भारत का दौरा भी कर चुके हैं। पहली बार वह 1991 में भारत आए थे। उस वक्त वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। इसके बाद वह 2018 में दूसरी बार भारत आए। उस वक्त वह ऑस्ट्रेलिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने देश के कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात भी की थी। 

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ऑस्ट्रेलिया की सियासत में शनिवार (21 मई) को बड़ा उलटफेर हुआ। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी को मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने चुनाव में मात दे दी। हालांकि, लेबर पार्टी बहुमत के आंकड़ों से दूर है। माना जा रहा है कि निर्दलीय या छोटी पार्टियों की मदद से सरकार बन जाएगी। लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री होंगे।

एंथनी अल्बनीस 26 साल से फेडरल पार्लियामेंट में हैं। सिडनी में जन्मे अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री बनेंगे। सिंगल मदर के बेटे अल्बनीस 1996 में पहली बार सांसद बने थे। उस वक्त जॉन हॉवर्ड देश के प्रधानमंत्री बने थे। अर्थशास्त्र के छात्र रहे अल्बनीस केविन रुड और जूलिया गिलार्ड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2013 में अल्बनीस उप-प्रधानमंत्री भी थे। वह 2019 से ऑस्ट्रेलिया के नेता प्रतिपक्ष हैं। आइए जानते हैं 59 साल के एंथनी भारत को लेकर क्या सोचते हैं? क्वाड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को लेकर अल्बनीस ने क्या कहा? 
 
दो दिन पहले ही अल्बनीस ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि वह चुनाव जीत जाएंगे। हुआ भी यही। इंटरव्यू में अल्बनीस ने कहा था, ‘चुनाव जीतने के बाद रविवार या सोमवार को वह शपथ ग्रहण करेंगे और फिर क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के टोक्यो के लिए रवाना हो जाएंगे।’ इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी अल्बनीस बोले। उन्होंने कहा, ‘वह क्वाड में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया का अहम दोस्त है।’

दो बार भारत भी आ चुके हैं अल्बनीस
ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस दो बार भारत का दौरा भी कर चुके हैं। पहली बार वह 1991 में भारत आए थे। उस वक्त वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। इसके बाद वह 2018 में दूसरी बार भारत आए। उस वक्त वह ऑस्ट्रेलिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने देश के कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात भी की थी। 

भारत को अहम दोस्त मानते हैं अल्बनीस
दो दिन पहले ही अल्बनीस ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि वह चुनाव जीत जाएंगे। हुआ भी यही। इंटरव्यू में अल्बनीस ने कहा था, ‘चुनाव जीतने के बाद रविवार या सोमवार को वह शपथ ग्रहण करेंगे और फिर क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के टोक्यो के लिए रवाना हो जाएंगे।’ इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी अल्बनीस बोले। उन्होंने कहा, ‘वह क्वाड में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया का अहम दोस्त है।’

दो बार भारत भी आ चुके हैं अल्बनीस
ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस दो बार भारत का दौरा भी कर चुके हैं। पहली बार वह 1991 में भारत आए थे। उस वक्त वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। इसके बाद वह 2018 में दूसरी बार भारत आए। उस वक्त वह ऑस्ट्रेलिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने देश के कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात भी की थी। 
 
यह बात ऑस्ट्रेलिया में चुनाव से ठीक पहले यानी छह मई 2022 की है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया (एचसीए) ने एक कार्यक्रम आयोजित कराया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपनी पत्नी जेनी के साथ शामिल हुए थे, वहीं मुख्य विपक्षी नेता एंथनी अल्बनीस (नए प्रधानमंत्री) ने भी शिरकत की थी। दोनों को विश्व हिंदू परिषद की तरफ से स्कार्फ पहनाया गया था। उस दौरान अल्बनीस ने हिंदू समुदाय की जमकर तारीफ की थी।  

 
ऑस्ट्रेलिया के हिंदुओं से बातचीत करते हुए अल्बनीस ने कहा था, ‘भारतीय समुदाय के लोग अपने बुजुर्गों की काफी सेवा करते हैं। पूरी दुनिया को इससे सीख लेनी चाहिए। भारत की संस्कृति खूबसूरत है। भारत के लोगों ने ऑस्ट्रेलिया के विकास में अपना अहम योगदान दिया है।’ अल्बनीस ने आगे कहा, ‘आपके समुदाय के बारे में एक चीज जो मैं जानता हूं और उसकी प्रशंसा करता हूं, वह यह है कि आप अपने बड़ों का सम्मान करते हैं। यह एक परिभाषित विशेषता है। आप अपने मूल की संस्कृति को संजोना चाहते हैं। इसमें अपने से बड़ों की देखभाल करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।’ अल्बनीस ने यह भी कहा था कि लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद बुजुर्गों की देखभाल के लिए हम अलग से योजना बनाएंगे। इसकी घोषणा बजट में कर चुके हैं।’ 

ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री ने भारत से आर्थिक रिश्तों को भी मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हर साल इकोनॉमिक डायलॉग होना चाहिए। अगर भारत चाहेगा तो हम रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप के लिए भी भारत की मदद करेंगे।’ 
एंथनी अल्बनीस के चुनाव जीतने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी की जीत और प्रधानमंत्री के रूप में आपके चुनाव के लिए बधाई हो एंथनी अल्बनीस। मैं हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा प्राथमिकताओं के मद्देनजर साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’

विस्तार

ऑस्ट्रेलिया की सियासत में शनिवार (21 मई) को बड़ा उलटफेर हुआ। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी को मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने चुनाव में मात दे दी। हालांकि, लेबर पार्टी बहुमत के आंकड़ों से दूर है। माना जा रहा है कि निर्दलीय या छोटी पार्टियों की मदद से सरकार बन जाएगी। लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री होंगे।

एंथनी अल्बनीस 26 साल से फेडरल पार्लियामेंट में हैं। सिडनी में जन्मे अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री बनेंगे। सिंगल मदर के बेटे अल्बनीस 1996 में पहली बार सांसद बने थे। उस वक्त जॉन हॉवर्ड देश के प्रधानमंत्री बने थे। अर्थशास्त्र के छात्र रहे अल्बनीस केविन रुड और जूलिया गिलार्ड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2013 में अल्बनीस उप-प्रधानमंत्री भी थे। वह 2019 से ऑस्ट्रेलिया के नेता प्रतिपक्ष हैं। आइए जानते हैं 59 साल के एंथनी भारत को लेकर क्या सोचते हैं? क्वाड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को लेकर अल्बनीस ने क्या कहा? 

 



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