क्या आप भी कर रही हैं गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार इस्तेमाल? ज़रूर पढ़ लें ये साइड इफेक्ट्स


नियमित रूप से गर्भनिरोध गोलियों का सेवन करने से महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन लेवल कम होने लगता है। इसकी वजह से महिलाओं में सेक्स के प्रति रूचि कम होने लगती है।

आजकल ज्यादातर महिलाएं अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां या कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करती हैं। डॉक्टर्स कभी कभी इन गोलियों का सेवन करने की सलाह देते हैं। पर कई महिलाएं इनका अधिक इस्तेमाल करती हैं जिसकी वजह से उन्हें इन गोलियों के साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ते हैं। नियमित रूप से गर्भनिरोध गोलियों का सेवन करने से महिलाओं में वजन बढ़ना, उल्टी आना, जी मिचलाना, स्तनों में दर्द होना, इर्रेगुलर पीरियड्स जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा भी इन गोलियों के कई साइड इफेक्ट्स है आईये जानते हैं-

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नियमित रूप से गर्भनिरोध गोलियों का सेवन करने से महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन लेवल कम होने लगता है। इसकी वजह से महिलाओं में सेक्स के प्रति रूचि कम होने लगती है।

गर्भनिरोध गोलियों के लगातार सेवन से कई महिलाओं में पीरियड्स के समय कम ब्लीडिंग होने लगती है। यह गोलियाँ गर्भाशय की परत को पतला कर देती हैं जिसकी वजह से पीरियड्स कम होते हैं।

इन गोलियों के नियमित इस्तेमाल से हार्मोन प्रभावित होते हैं जो योनि के टिश्यू को पर असर डालते हैं। यह कई महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन की समस्या का कारण बनता है।

गोलियों के सेवन से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होते हैं जिसकी वजह से अधिक भूख लगने की समस्या हो सकती है।

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गर्भनिरोधक गोलियां लेने से शरीर में सेक्स हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने से महिलाओं को सूजन जैसी समस्या झेलनी पड़ सकती हैं।

गर्भनिरोधक गोलियां के नियमित सेवन करने की वजह से महिलाओं के शरीर में खून के थक्के बनने की समस्या होने लगती है। यह समस्या आगे जाकर गंभीर हो सकती है।

गर्भनिरोधक गोलियों का नियमित रूप से सेवन करने से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने-घटने से सिरदर्द की शिकायत बढ़ने लगती है।

गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन बिगड़ने लगते हैं जिसकी वजह से मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती है।

– एकता

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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