पंजाब में अरुंधति राय बोलीं: देश को चार लोग चला रहे हैं, दो खरीदारी का काम करते हैं तो दो बेचने का


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: पंजाब ब्‍यूरो
Updated Fri, 18 Mar 2022 09:56 AM IST

सार

लेखिका अरुंधति राय ने पंजाब के पटियाला स्थित पंजाबी विश्वविद्यालय में कहा कि सभी लोगों को अपने-अपने क्षेत्र को बचाने की जरूरत हैं। जाति, धर्म और भाषा के बंटवारे से ऊपर उठकर एकजुटता लानी होगी। 

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जानी-मानी लेखिका अरुंधति राय ने गुरुवार को केंद्र सरकार की नीतियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि देश को इस समय चार लोग ही चला रहे हैं, जिनमें से दो खरीदारी का काम करते हैं और दो बेचने का। आगे कहा कि जब मुख्यधारा के मीडिया समेत राज्य की ज्यादातर मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा हो तो देश का आम नागरिक लोकतंत्र में विश्वास किस तरह से कर सकता है। वह पंजाबी यूनिवर्सिटी के सनी ओबराय ऑडिटोरियम में आयोजित समागम को संबोधित कर रहीं थीं।

लेखिका अरुंधति राय ने कहा कि जाति प्रथा ने समाज में बंटवारा किया है। जिसके खात्मे के बिना एक अच्छे समाज का सृजन नहीं हो सकता है। जातिवाद को बढ़ावा देने वाली धार्मिक संगठनों पर भी उन्होंने सीधी टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि हम सभी को जाति, धर्म, भाषा आदि बंटवारों से ऊपर उठकर आपसी एकजुटता लाने की जरूरत है।

 

किसान संघर्ष में पंजाबियों की भूमिका की तारीफ करते हुए अरुंधति राय ने कहा कि इस संघर्ष ने एक उम्मीद पैदा की है। इस संघर्ष ने लोगों को बताया है कि अपने वाजिब हक के लिए किस तरह से हुकूमत की आंख में आंख डालकर बात की जा सकती है। कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह जो भी कहना चाहती हैं, अपनी रचनाओं में पहले ही कह चुकी हैं।

उन्होंने नर्मदा डैम संघर्ष के समय के अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि कैसे वहां के स्थानीय आदिवासी लोगों को विकास के नाम पर उजाड़ा गया, इस संबंधी उनकी ओर से अपनी एक पुरानी रचना में कुछ सामग्री साझी की गई है, जिसके हवाले से उन्होंने बताया कि कैसे उस इलाके के लोगों की तरह सभी को अपने-अपने हकों को बचाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। साथ ही कहा कि उनको अपना नावलकार होना आनंद देता है। वह भाषा को बहुत प्रेम करती हैं।

इस मौके पर वीसी प्रोफेसर अरविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय एक ऐसा मंच होने चाहिए, जहां हर किस्म के विचारों को सुना व इन पर विचार किया जा सकता हो। इसलिए पीयू पटियाला के मंच पर अरुंधति राय जैसी बेबाक शख्सियत का बात करना अहम है।

पीयू पहुंचने पर लेखिका का विद्यार्थियों ने किया विरोध
पंजाबी यूनिवर्सिटी में लेखिका अरुणधति राय का छात्रों के एक गुट ने विरोध किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। विरोध करने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि पूर्व में लेखिका की ओर से जिस तरह के बयान दिए गए हैं, उसे लेकर उन्हें एतराज है। यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी कर्मचारियों व पुलिस ने इस दौरान छात्रों से बात करके उन्हें शांत रहने की अपील की। जबकि दूसरी तरफ छात्रों के एक गुट ने लेखिका की हिमायत की। इस बात को लेकर दोनों गुटों के छात्रों की आपस में कहासुनी भी हो गई।

विस्तार

जानी-मानी लेखिका अरुंधति राय ने गुरुवार को केंद्र सरकार की नीतियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि देश को इस समय चार लोग ही चला रहे हैं, जिनमें से दो खरीदारी का काम करते हैं और दो बेचने का। आगे कहा कि जब मुख्यधारा के मीडिया समेत राज्य की ज्यादातर मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा हो तो देश का आम नागरिक लोकतंत्र में विश्वास किस तरह से कर सकता है। वह पंजाबी यूनिवर्सिटी के सनी ओबराय ऑडिटोरियम में आयोजित समागम को संबोधित कर रहीं थीं।

लेखिका अरुंधति राय ने कहा कि जाति प्रथा ने समाज में बंटवारा किया है। जिसके खात्मे के बिना एक अच्छे समाज का सृजन नहीं हो सकता है। जातिवाद को बढ़ावा देने वाली धार्मिक संगठनों पर भी उन्होंने सीधी टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि हम सभी को जाति, धर्म, भाषा आदि बंटवारों से ऊपर उठकर आपसी एकजुटता लाने की जरूरत है।

 

किसान संघर्ष में पंजाबियों की भूमिका की तारीफ करते हुए अरुंधति राय ने कहा कि इस संघर्ष ने एक उम्मीद पैदा की है। इस संघर्ष ने लोगों को बताया है कि अपने वाजिब हक के लिए किस तरह से हुकूमत की आंख में आंख डालकर बात की जा सकती है। कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह जो भी कहना चाहती हैं, अपनी रचनाओं में पहले ही कह चुकी हैं।

उन्होंने नर्मदा डैम संघर्ष के समय के अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि कैसे वहां के स्थानीय आदिवासी लोगों को विकास के नाम पर उजाड़ा गया, इस संबंधी उनकी ओर से अपनी एक पुरानी रचना में कुछ सामग्री साझी की गई है, जिसके हवाले से उन्होंने बताया कि कैसे उस इलाके के लोगों की तरह सभी को अपने-अपने हकों को बचाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। साथ ही कहा कि उनको अपना नावलकार होना आनंद देता है। वह भाषा को बहुत प्रेम करती हैं।

इस मौके पर वीसी प्रोफेसर अरविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय एक ऐसा मंच होने चाहिए, जहां हर किस्म के विचारों को सुना व इन पर विचार किया जा सकता हो। इसलिए पीयू पटियाला के मंच पर अरुंधति राय जैसी बेबाक शख्सियत का बात करना अहम है।

पीयू पहुंचने पर लेखिका का विद्यार्थियों ने किया विरोध

पंजाबी यूनिवर्सिटी में लेखिका अरुणधति राय का छात्रों के एक गुट ने विरोध किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। विरोध करने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि पूर्व में लेखिका की ओर से जिस तरह के बयान दिए गए हैं, उसे लेकर उन्हें एतराज है। यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी कर्मचारियों व पुलिस ने इस दौरान छात्रों से बात करके उन्हें शांत रहने की अपील की। जबकि दूसरी तरफ छात्रों के एक गुट ने लेखिका की हिमायत की। इस बात को लेकर दोनों गुटों के छात्रों की आपस में कहासुनी भी हो गई।



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