न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Fri, 11 Feb 2022 01:41 AM IST
सार
पूर्व राज्यसभा सांसद अमरजीत कौर ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। अमरजीत कौर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की चाची हैं। भाजपा के पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम व सांसद अरविंद शर्मा की अगुवाई में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की चाची पूर्व राज्यसभा सदस्य अमरजीत कौर ने अकाली दल (बादल) को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम व पटियाला प्रभारी डॉ. अरविंद शर्मा की अगुवाई में गुरुवार को पार्टी ज्वाइन की। कैप्टन व उनके परिवार के साथ रिश्तों में खींचतान के कारण अमरजीत कौर ने वर्ष 2009 में कांग्रेस को छोड़कर सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में अकाली दल ज्वाइन की थी।
वे 1976 से लेकर 1988 तक दो बार राज्यसभा सांसद रहीं। 1985 में कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनावों में भी खड़ा किया था लेकिन वह अकाली दल के चरनजीत सिंह वालिया से काफी कम वोटों के अंतर से हार गई थीं। अमरजीत कौर पटियाला के महाराजा भुपिंदर सिंह के बेटे कंवर दविंदर सिंह से ब्याही थीं, जो कैप्टन के चाचा थे।
अमरजीत कौर ने करीब 12 वर्षों बाद अकाली दल को अलविदा कह दिया है। अब वह आने वाले दिनों में कैप्टन के साथ मंच साझा करते नजर आ सकती हैं, क्योंकि कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस ने पंजाब में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
झूठ की राजनीति कर रही हैं दोनों पार्टियां: सांसद
भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि पंजाब की जनता कांग्रेस के पांच साल शासन से तंग आ चुकी है और अब पंजाब में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने आप पर भी निशाना साधा और कहा कि आम आदमी पार्टी झूठ के सहारे जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। सांसद ने कार्यकर्ताओं के साथ पटियाला विधानसभा क्षेत्र में डोर-टू-डोर अभियान भी चलाया।
विस्तार
कैप्टन अमरिंदर सिंह की चाची पूर्व राज्यसभा सदस्य अमरजीत कौर ने अकाली दल (बादल) को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम व पटियाला प्रभारी डॉ. अरविंद शर्मा की अगुवाई में गुरुवार को पार्टी ज्वाइन की। कैप्टन व उनके परिवार के साथ रिश्तों में खींचतान के कारण अमरजीत कौर ने वर्ष 2009 में कांग्रेस को छोड़कर सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में अकाली दल ज्वाइन की थी।
वे 1976 से लेकर 1988 तक दो बार राज्यसभा सांसद रहीं। 1985 में कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनावों में भी खड़ा किया था लेकिन वह अकाली दल के चरनजीत सिंह वालिया से काफी कम वोटों के अंतर से हार गई थीं। अमरजीत कौर पटियाला के महाराजा भुपिंदर सिंह के बेटे कंवर दविंदर सिंह से ब्याही थीं, जो कैप्टन के चाचा थे।
अमरजीत कौर ने करीब 12 वर्षों बाद अकाली दल को अलविदा कह दिया है। अब वह आने वाले दिनों में कैप्टन के साथ मंच साझा करते नजर आ सकती हैं, क्योंकि कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस ने पंजाब में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
झूठ की राजनीति कर रही हैं दोनों पार्टियां: सांसद
भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि पंजाब की जनता कांग्रेस के पांच साल शासन से तंग आ चुकी है और अब पंजाब में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने आप पर भी निशाना साधा और कहा कि आम आदमी पार्टी झूठ के सहारे जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। सांसद ने कार्यकर्ताओं के साथ पटियाला विधानसभा क्षेत्र में डोर-टू-डोर अभियान भी चलाया।
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