आज नतीजे का दिन है और हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं। जानिए कौन आगे है और कौन पीछे।
पांच राज्यों का सियासी घमासान खत्म हो चुका है और अब समय है नतीजों का। पूरे देश की नजरें परिणामों पर टिकी है। साथ ही लोग यह जानने के लिए भी बेताब हैं कि इस चुनाव में सियासत के दिग्गजों के पुत्रों-पुत्रियों और बाकी रिश्तेदारों की किस्मत क्या करवट लेती है। हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं।
पंकज सिंह – नोएडा (जीत)
यूपी के नोएडा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पंकज सिंह ने एक बार फिर बड़े अंतर से जीत हासिल की। वह एक लाख 80 हजार वोटो से जीते। उनके सामने अपने पिता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सियासी साख मजबूत बनाए रखने की चुनौती थी। वह इस सीट से मौजूदा विधायक भी थे। पंकज सिंह के खिलाफ सपा ने सुनील चौधरी को उतारा था तो कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक और बसपा ने कृपाराम शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था। सुनील चौधरी दूसरे नंबर पर रहे।
संदीप सिंह – अतरौली (आगे)
अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे संदीप सिंह पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पोते और एटा के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह के बेटे हैं। जाहिर है उनके सामने बड़ी चुनौती है। संदीप सिंह के सामने सपा ने वीरेश यादव को उतारा है तो बसपा से प्रत्याशी ओमवीर सिंह मैदान में है।
अब्दुल्ला आजम – स्वार – (जीत)
अब्दुल्ला आजम खान ने स्वार से जीत हासिल की है। वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे हैं। 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति पाए जाने के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
मृगांका सिंह- कैराना (हार)
पश्चिमी यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह हार गई हैं। यहां दो सियासी परिवार के राजनीतिक वारिसों के बीच सियासी जंग रही है।सपा ने नाहिद हसन को उतारा था जिन्होंने शुरुआत में पिछड़ने के बाद मृगांका को हरा दिया। उनके पिता मुनव्वर हसन से लेकर मां तबस्सुम हसन तक सांसद रही हैं। मृगांका सिंह पूर्व भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। मृगांका यहां से पहले भी दो बार चुनाव हार चुकी हैं।
अनुकृति गुसाईं रावत – लैंसडौन – (हार)
लैंसडाउन सीट से अनुकृति गुसाईं रावत हार गई हैं। उन्हें भाजपा के दिलीप सिंह रावत ने मात दी। हाल में कांग्रेस में दोबारा शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को चुनावी मैदान में उतारा था। दबंग छवि वाले हरक सिंह की चुनाव जीतने की क्षमता का लाभ पार्टी को नहीं मिला। भाजपा के दो बार के विधायक दिलीप सिंह रावत ने 2012 में अपने पिता व क्षेत्र के कद्दावर नेता भारत सिंह रावत की राजनीतिक विरासत संभाली थी।
अनुपमा रावत – हरिद्वार ग्रामीण (जीत)
पूर्व सीएम हरीश रावत की पुत्री अनुपमा ने हरिद्वार ग्रामीण से जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा के यतीश्वरानंद को 4400 वोटों से हराया है।
सुमित हृदयेश – हल्द्वानी – (जीत)
कांग्रेस ने अपनी कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद हल्द्वानी सीट से उनके पुत्र सुमित को टिकट दिया था और वह भरोसे पर खरे भी उतरे। सुमित ने अपनी मां की परंपरागत सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। उन्होंने भाजपा के जोगिंदर पाल सिंह को हराया।
सविता कपूर – देहरादून कैंट – (जीत)
देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार सविता कपूर ने जीत हासिल की है। रिकॉर्ड आठ बार विधायक रहे हरबंस कपूर के निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी सविता को चुनाव मैदान में उतारा था।
ऋतु खंडूरी – कोटद्वार (जीत)
पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी की पुत्री ऋतु खंडूरी ने कोटद्वार से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी को करीब 3600 वोटों से हराया।
सौरभ बहुगुणा- सितारगंज (जीत)
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा ने सितारगंज से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के नवतेज पाल सिंह को 10938 वोटों से हराया।
चंद्रा पंत – पिथौरागढ़ (हार)
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत पिथौरागढ़ से हार गई हैं। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार मयूख महर ने 6054 वोटों से हराया।
संजीव आर्य – नैनीताल (हार)
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के पुत्र संजीव आर्य नैनीताल से हार गए हैं। उन्हें भाजपा की सरिता आर्य ने करीब 7800 वोटों से हराया।
कामिल अमर सिंह – रायकोट (हार)
पंजाब में कांग्रेसी सांसद अमर सिंह के बेटे कामिल अमर सिंह लुधियाना की रायकोट सीट से चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस में तमाम विरोध के बावजूद पार्टी ने इन्हें उम्मीदवार बनाया था। उन्हें आप उम्मीदवार हाकम सिंह ने करीब 27 हजार वोटों से हराया।
विक्रमजीत सिंह -फिल्लौर (जीत)
पंजाब में जालंधर की फिल्लौर विधानसभा सीट पर कांग्रेसी सांसद चौधरी संतोख सिंह के बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी ने जीत हासिल की है। विक्रमजीत सिंह चौधरी इससे पहले पिछला चुनाव हार चुके थे। उन्होंने अकाली दल के बल्देव सिंह खैरा को हराया।
संदीप जाखड़-अबोहर (जीत)
पंजाब की अबोहर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ ने जीत हासिल की है। उन्होंने आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 5471 वोटों से हराया।
उत्पल पर्रिकर – पणजी (हार)
इस बार पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर गोवा की पणजी सीट से हार गए हैं। वह निर्दलीय ही मैदान में उतरे थे। उनकी लंबे समय भाजपा के साथ तनातनी चलती रही और बात नहीं बनने पर उन्होंने अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। पूर्व सीएम के पुत्र होने के नाते इस सीट के नतीजे पर सभी की नजरें थीं।
विस्तार
पांच राज्यों का सियासी घमासान खत्म हो चुका है और अब समय है नतीजों का। पूरे देश की नजरें परिणामों पर टिकी है। साथ ही लोग यह जानने के लिए भी बेताब हैं कि इस चुनाव में सियासत के दिग्गजों के पुत्रों-पुत्रियों और बाकी रिश्तेदारों की किस्मत क्या करवट लेती है। हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं।
पंकज सिंह – नोएडा (जीत)
यूपी के नोएडा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पंकज सिंह ने एक बार फिर बड़े अंतर से जीत हासिल की। वह एक लाख 80 हजार वोटो से जीते। उनके सामने अपने पिता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सियासी साख मजबूत बनाए रखने की चुनौती थी। वह इस सीट से मौजूदा विधायक भी थे। पंकज सिंह के खिलाफ सपा ने सुनील चौधरी को उतारा था तो कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक और बसपा ने कृपाराम शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था। सुनील चौधरी दूसरे नंबर पर रहे।
संदीप सिंह – अतरौली (आगे)
अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे संदीप सिंह पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पोते और एटा के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह के बेटे हैं। जाहिर है उनके सामने बड़ी चुनौती है। संदीप सिंह के सामने सपा ने वीरेश यादव को उतारा है तो बसपा से प्रत्याशी ओमवीर सिंह मैदान में है।
अब्दुल्ला आजम – स्वार – (जीत)
अब्दुल्ला आजम खान ने स्वार से जीत हासिल की है। वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे हैं। 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति पाए जाने के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
मृगांका सिंह- कैराना (हार)
पश्चिमी यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह हार गई हैं। यहां दो सियासी परिवार के राजनीतिक वारिसों के बीच सियासी जंग रही है।सपा ने नाहिद हसन को उतारा था जिन्होंने शुरुआत में पिछड़ने के बाद मृगांका को हरा दिया। उनके पिता मुनव्वर हसन से लेकर मां तबस्सुम हसन तक सांसद रही हैं। मृगांका सिंह पूर्व भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। मृगांका यहां से पहले भी दो बार चुनाव हार चुकी हैं।