Azam khan : जेल से आने के बाद अंधा, बहरा से लेकर खुद को बंदर तक कह चुके आजम खान, जानें क्यों दे रहे ऐसे बयान?


समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आजम खान एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने ईडी की अलग-अलग जगह हो रही छापेमारी पर कहा, ‘हम देखते ही नहीं हैं। चश्मा लगा हुआ है, अंधे हैं। कान नहीं है… बहरे हैं। जुबान नहीं है.. गूंगे हैं।’

आजम यहीं नहीं रुके। जब असुदुद्दीन ओवैसी के कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए बयान पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, ‘उनके बयान के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। मैंने गलत को सही कहा ही नहीं। मैंने कहा ना…न मुझे कुछ लगता है और न ही मेरी खोपड़ी में बुद्धि है। न ही आंखों में रोशनी, न ही मुंह में जुबान। देखो चश्मा लगा रखा है। हां सूरदास नहीं हूं। जन्म से अंधा नहीं हूं। हालात से अंधा हूं।’

आजम का ये पहला और इकलौता बयान नहीं है। जेल से छूटने के बाद उन्होंने इस तरह के कई अटपटे बयान दिए हैं। आइए उनके बयानों को जानते हैं और समझते हैं कि आखिर वह इस तरह का बयान क्यों दे रहे?  पहले आजम के पांच अटपटे बयान पढ़िए

 

1. हम सिकंदर नहीं हो पाए, लेकिन बंदर जरूर हो गए 

विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मीडिया ने आजम खान से सवाल पूछा। इसपर उन्होंने कहा था, ‘सरकार तो नहीं बनी दोस्त। हम सिकंदर तो हो नहीं पाए, बंदर जरूर बन गए। कभी रामपुर कोर्ट, तो कभी मुरादाबाद कोर्ट… कभी मुंबई तो कभी लखनऊ और फिरोजाबाद में मदारी के बंदर हो गए।’

 

2. लुलु, लोलो, टुलु, टोलो 

लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के विवादों पर एक बार मीडिया ने आजम खान से सवाल पूछा। तो आजम मीडिया पर ही बरस पड़े। आजम खान बोले, ‘हम आज तक किसी मॉल में गए नहीं, जो गए हैं उनसे पूछिए लुलु, लोलो, टुलु, टोलो। क्या… यार बताओ! ये भी कोई बात हुई लुलु, लुलु… और कोई काम ही नहीं है।’ 

 

3. लंगोट सिलने के लिए दिए हैं, काफी महंगी सिल रही हैं 

मुरादाबाद की एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई पर पहुंचे आजम खां से मीडिया ने लोकसभा चुनाव की तैयारी पर सवाल पूछ लिया। इसपर आजम ने कहा, ‘अभी तो लंगोटें सिलने के लिए दी हैं, काफी महंगी सिल रही है।’ 

 

4. मेरा नाम आजम खान है, मैं रामपुर का रहने वाला हूं 

हाल ही में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और चाचा शिवपाल सिंह यादव के लिए चिट्ठी जारी करवाई थी। इसमें उन्होंने दोनों नेताओं से कहा कि आपको जहां ज्यादा सम्मान मिले, वहीं चले जाइए। जब इसको लेकर आजम खान से मीडिया ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मेरा नाम आजम खान है। मैं रामपुर का रहने वाला हूं और समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता हूं।’ 

 



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