प्रथा को लगता है कि जिन पांच असुरों को उसे खत्म करना है उनमें से एक ऋषभ का भाई भी है और उसकी जान लेने वाली है लेकिन तभी उसे पता लगता है कि वह दोषी नहीं है और उसे बख्श देती है।
![तेजस्वी प्रकाश सिंबा नागपाल तेजस्वी प्रकाश सिंबा नागपाल](https://static.langimg.com/thumb/msid-90765613,width-680,resizemode-3/navbharat-times.jpg)
हीरे के पीछे पड़े असुर
इसके बाद सभी लोग एक पार्टी में जाते हैं जहां हर किसी की नजर एक हीरे पर होती है और सभी को बस यही लगता है कि वो नागमणि है। हालांकि जब इस बात का पता सभी को चल जाता है कि वो नागमणि नहीं बल्कि एक मामूली हीरा है, तो सभी की निगाहें हट जाती हैं।
यमुना में जहर घोलने की साजिश
एपिसोड में आगे यह दिखाया जाता है कि स्कूल के बच्चों से भरी बस को यमुना नदी में गिराने की साजिश रची गई है क्योंकि उस बस में जहर है। लेकिन प्रथा उस बस में मौजूद हर एक बच्चे को सही-सलामत निकाल लेती है और बस को भी गिरने से बचा लेती है।
प्रथा के बाबा हैं पांचवे असुर
आगे सबसे बड़ा खुलासा तब होता है जब ये पता चलता है कि प्रथा के बाबा ही पांचवे असुर हैं और प्रथा इस बात से अंजान है। वो दौड़ते हुए जाती है तभी उसके बाबा उसे पानी में डूबते दिखाई देते हैं। इसके बाद प्रथा उन्हें बचा लेती है और अपने घर लेकर आती है। यहां आकर वो ये कहती है कि वो उसके गुरू हैं और अब यहीं रहेंगे। आने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि प्रथा ने रामनवमी पर एक अलग ही रूप धारण कर लिया है और असुरों के नाश के लिए निकल चुकी है।