बुरी खबर: ये सरकारी बैंक बंद करने जा रहा है अपनी 13 फीसदी ब्रांच, जानिए वजह


नई दिल्‍ली. सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अपनी 13 फीसदी शाखाओं को बंद करेगा. पिछले कई वर्षों से वित्‍तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा यह सरकारी बैंक शाखाओं की संख्‍या को 600 तक सीमित करना चाहता है. मार्च, 2023 तक अपनी कई शाखाओं को बंद करके या फिर घाटे में चल रही शाखाओं को दूसरी शाखाओं में विलय कर, बैंक इस लक्ष्‍य को हासिल करना चाहता है.

मनीकंट्रोल डॉट कॉम पर समाचार एजेंसी रॉयटर के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के अनुसार 100 साल से भी ज्‍यादा पुराने इस बैंक की देशभर में 4,594 शाखाएं हैं. रॉयटर ने दावा किया है उसने बैंक के अपनी 13 फीसदी शाखाएं बंद करने के लिए बनाए गए डॉक्‍यूमेंट को देखा है. रॉयटर का दावा है कि यह दस्‍तावेज 4 मई को बैंक के हेडक्‍वार्टर से अन्‍य ब्रांचों और विभागों को भेजा गया है.

ये भी पढ़ें :  ICICI Bank और बैंक ऑफ बड़ौदा का लोन हुआ महंगा, RBI के कदम से बढ़ने लगी ब्याज दर

इसलिए बंद हो रही है ब्रांच

सेंट्रल बैंक को कुछ अन्‍य बैंकों के साथ 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (Prompt Corrective Action-PCA) के तहत रखा गया था. इन बैंकों को रेगुलेटरी कैपिटल,  बेड लोन्‍स और लिवरेज रेशो में गड़बड़ी करने और रिजर्व बैंक दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर पीसीए श्रेणी में रखा गया था. सेंट्रल बैंक को छोड़कर पीसीए के तहत रखे गए सभी बैंक अपनी वित्‍तीय स्थिति को सुधार कर इस श्रेणी से बाहर हो चुके हैं.

पीसीए के तहत होने पर बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की सख्‍त निगरानी में आ जाता है. उसके ऋण देने,  पैसा जमा करने, शाखा विस्‍तार और उधार लेने पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं. अब सेंट्रल बैंक पीसीए से बाहर आने और अपनी वित्‍तीय स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठा रहा है. 2017 के बाद से ही बैंक पीसीए से बाहर आने के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन कमजोर प्रॉफिट और अपनी मैनपॉवर का कुशल और प्रभावी तरीके से उपयोग न कर पाने के कारण बैंक की वित्‍तीय स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है.

ये भी पढ़ें :  Delhivery IPO: लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन स्टार्टअप का आईपीओ अगले सप्ताह, प्राइस बैंड तय

अपनी वित्‍तीय स्थिति सुधारने के लिए सेंट्रल बैंक द्वारा ये सबसे कठोर कदम उठाया गया है. एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अपनी बुक में घाटे में चली रही संपत्तियों को कम करने के लिए सेंट्रल बैंक ने शाखाएं कम करने की रणनीति को अपनाया है. दिसंबर तिमाही में सेंट्रल बैंक का प्रॉफिट 2.82  बिलियन रुपये रहा था. वहीं पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 1.66 बिलियन रुपये था. इसकी कुल नॉन प्रफोर्मिंग एसेस्‍ट रेशियो (GNPA) 15.16 फीसदी दिसंबर तिमाही में था.

Tags: Banking, Central bank of india

image Source

Enable Notifications OK No thanks