स्टडी के फर्स्ट लेखक और जीवविज्ञानी एलार्ड हंटिंग ने (Ellard Hunting) ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि यूनिवर्सिटी की टीम विभिन्न जीवों के बारे में अध्ययन कर रही थी, जो पर्यावरण में उपलब्ध स्थिर विद्युत क्षेत्रों (static electric fields) का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि वायुमंडलीय इलेक्ट्रिसिटी ना सिर्फ मौसम की घटनाओं को प्रभावित करती है, यह जीवों को उनका भोजन खोजने जैसे कामों में भी मदद करती है।
हंटिंग ने उदाहरण देते हुए बताया कि फूलों में एक विद्युत क्षेत्र होता है और मधुमक्खियां इन क्षेत्रों को समझ सकती हैं। फूलों के ये विद्युत क्षेत्र मधुमक्खी द्वारा विजिट किए जाने पर बदल सकते हैं और अन्य मधुमक्खियां उस जानकारी का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए कर सकती हैं कि क्या किसी फूल को विजिट किया गया है।
रिसर्चर्स ने मधुमक्खियों के झुंड के दौरान करंट को मापने के लिए और इलेक्ट्रिक फील्ड पर नजर रखने के लिए एक कैमरे का इस्तेमाल किया। यहां झुंड से मतलब उन मधुक्खियों से है, जिसमें रानी मधुमक्खी लगभग 12000 अन्य मधुमक्खियों के साथ उड़ती है। मधुमक्खियां जब रिसर्चर्स के रिसर्च क्षेत्र से गुजरीं तो उन्होंने लगभग तीन मिनट के लिए करंट को ट्रैक किया। यह 100 से 1000 वोल्ट प्रति मीटर तक था। रिसर्चर्स का कहना है कि मधुमक्खियों का झुंड जितना बड़ा होगा, इलेक्ट्रिक फील्ड उतना ही अधिक होगा।
इस रिसर्च का फौरी तौर पर उपयोग भले ना किया जा सके, लेकिन यह भविष्य की रिसर्च और मधुमक्खियों के इस्तेमाल को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने पर फोकस कर सकता है। यह रिसर्च एक शुरुआती कदम है। अगर वैज्ञानिक मधुमक्खियों का इस्तेमाल करके बिजली उत्पादन के बारे में सोच को आगे बढ़ाते हैं, तो उन्हें इस पर बहुत काम करना होगा।
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