बेन स्टोक्स के रिटायरमेंट ने बजाई खतरे की घंटी, क्या क्रिकेट बोर्ड लेंगे इससे सबक? या और बुरा होना बाकी!


हाइलाइट्स

बेन स्टोक्स ने एक दिन पहले वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया
उन्होंने बिजी शेड्यूल और लगातार हो रहे क्रिकेट के कारण यह फैसला लिया
इस फैसले ने आईसीसी और क्रिकेट बोर्ड के लिए खतरे की घंटी बजा दी है

नई दिल्ली. “काफी सोचने और विचारने के बाद, मैं वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर रहा हूं.” 3 साल पहले जिस खिलाड़ी ने इंग्लैंड को पहली बार वनडे का वर्ल्ड चैम्पियन बनाया था, उसने एक दिन पहले अचानक इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बेन स्टोक्स हैं. उन्होंने टी20 और टेस्ट क्रिकेट पर फोकस करने के इरादे से ऐसा किया है. स्टोक्स के इस फैसले ने सबको हैरान कर दिया, क्योंकि उनकी उम्र अभी 31 साल ही है. ऐसे में उनमें काफी क्रिकेट बाकी है. लेकिन, स्टोक्स ने फिर भी यह कदम उठाया, तो उसके पीछे ठोस वजह भी होगी, जिसका उन्होंने खुद अपने संन्यास से जुड़े लंबे-चौड़े पोस्ट में जिक्र किया. उन्होंने लिखा, “इंटरनेशनल क्रिकेट का बिजी शेड्यूल और शरीर पर पड़ने वाले उसके असर को देखते हुए मैंने यह सोचा कि यह सही समय है कि मैं वनडे से हट जाऊं.”

पहली नजर में स्टोक्स का संन्यास, किसी खिलाड़ी का निजी फैसला लग सकता है. लेकिन, इसकी गहराई में जाएंगे, तो उनके इस निर्णय की वजह समझ आ जाएगी. दरअसल, बीते कुछ सालों में क्रिकेट काफी ज्यादा खेला जा रहा है. सिर्फ द्विपक्षीय सीरीज ही नहीं, बल्कि आईसीसी इवेंट की भरमार हो गई है. क्रिकेट की यह अंधी दौड़ खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक तौर पर तोड़ रही है और स्टोक्स के संन्यास ने खतरे की घंटी बजाई है. साथ ही दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड पैसों के चक्कर में जिस खेल में उलझे हैं, उस पर से भी पर्दा हटाया है.

अगर वक्त रहते, इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह मान लीजिए कि यह तो बस शुरुआत है, और बुरा होना बाकी है.

पीटरसन ने भी एक दशक पहले चौंकाया था
बेन स्टोक्स ने भले ही सोमवार को वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया. लेकिन, यह उनके शब्द नहीं है. इसकी नींव तो 10 साल पहले ही रखी जा चुकी थी, जब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने जून 2012 में अचानक व्हाइट बॉल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी. एक दशक बाद, स्टोक्स ने उस सिलसिले को आगे बढ़ाया है. तब पीटरसन की उम्र भी स्टोक्स के बराबर ही थी. हालांकि, वो बाद में थोड़े वक्त के लिए इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम में लौट आए. लेकिन, उनकी सोच साफ थी. वो बिजी शेड्यूल, लगातार हो रहे क्रिकेट के कारण शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरी तरह थक गए थे. एक दशक बाद, स्टोक्स के भी वनडे क्रिकेट से तौबा करने की वजह भी यही है.

स्टोक्स का संन्यास खतरे की घंटी
स्टोक्स ने अपने पोस्ट में लिखा भी है, “तीनों फॉर्मेट खेलना अब मेरे लिए संभव नहीं है. मुझे लगता है कि जिस तरह का क्रिकेट शेड्यूल हो रहा है, उसमें मेरे से जो अपेक्षाएं, उसे पूरा करने में मेरा शरीर साथ दे पाएगा.” संदेश साफ है कि इंग्लैंड काफी ज्यादा क्रिकेट खेल रहा. ऐसे में स्टोक्स जैसे खिलाड़ी, जो मैदान पर जीत के लिए अपना सबकुछ झोंक देते हैं को किसी चीज से तो समझौता करना ही था और उन्होंने वनडे से संन्यास ले लिया.

खिलाड़ियों की बलि दे रहे क्रिकेट बोर्ड!
यह दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड के लिए खतरे की घंटी है. ऐसा इसलिए क्योंकि मॉर्डन डे क्रिकेट के बड़े खिलाड़ियों में शुमार दिग्गज अगले साल भारत में होने वाले वनडे विश्व कप के दौरान अपनी टीम की तरफ से खिताब बचाने नहीं उतरेगा. यह बताता है कि जिसके दम पर क्रिकेट बोर्ड पैसा कमा रहे हैं, उन्हीं खिलाड़ियों की बलि चढ़ा रहे हैं. हालांकि, आईसीसी या दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड की सोच में बदलाव आएगा, ऐसा लगता नहीं है.

भारत को अगले 4 साल में 38 टेस्ट खेलने हैं
ICC की अगले हफ्ते बर्मिंघम में 2023 से 2027 फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (FTP) को अंतिम रूप देने के लिए एजीएम होनी है. हालांकि, इस बैठक में कुछ बदलाव की अपेक्षा करना बेमानी होगा. ईएसपीनक्रिकइंफो के पास इन चार सालों के एफटीपी का जो ड्राफ्ट मौजूद है, वो इताना बताने के लिए काफी है कि अगले 4 सालों में कितना ज्यादा क्रिकेट खेला जाना है.

अकेले इंग्लैंड को ही इस चार साल की अवधि में 42 टेस्ट, 44 वनडे और 52 टी20 खेलने हैं और आईसीसी के जो इवेंट होंगे, सो अलग. यह तो सिर्फ एक देश का उदाहरण है. इसी दौरान टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया को भी करीब-करीब इंग्लैंड जितने ही टेस्ट खेलने हैं. एफटीपी के ड्राफ्ट के मुताबिक, इन चार सालों में भारत 38 जबकि ऑस्ट्रेलिया 41 टेस्ट खेलेगा. इसके अलावा बांग्लादेश 34 और न्यूजीलैंड 32 टेस्ट खेलेगा.

इसके अलावा भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में होने वाली फ्रेंचाइजी टी20 लीग अलग है. आईपीएल के लिए हर साल अलग से 75 दिन की विंडो रहेगी.

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भारतीय टीम को लगातार क्रिकेट का नुकसान हो रहा
इंग्लैंड ही नहीं, भारतीय क्रिकेट टीम को भी बिजी शेड्यूल से परेशान होना पड़ रहा है. इसे समझने के लिए ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है. पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद से ही भारतीय टीम लगातार क्रिकेट खेल रही है. पिछले साल टी20 विश्व कप का फाइनल 14 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. इसके तीन दिन बाद भारत और न्यूजीलैंड के बीच 3 टी20 की सीरीज का पहला मैच खेला गया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच 2 टेस्ट की सीरीज भी हुई.

बेन स्टोक्स ने वनडे क्रिकेट से लिया संन्यास, जानें 31 साल की उम्र में क्यों लिया फैसला

फिर टीम इंडिया 3 टेस्ट और 3 वनडे खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई. आने के बाद बमुश्किल 10 दिन का आराम मिला और फिर वेस्टइंडीज, श्रीलंका के खिलाफ वनडे, टी20 और टेस्ट खेले. इसके बाद 2 महीने का आईपीएल, फिर इंग्लैंड दौरा. इसका आखिरी मैच 17 जुलाई को खत्म हुआ था और इसके 4 दिन बाद भारत वेस्टइंडीज में वनडे खेलेगा. इसका असर भारतीय खिलाड़ियों पर पड़ रहा है. रोहित शर्मा, केएल राहुल इसका उदाहरण हैं. वो बीते 1 साल में कई बार चोटिल होने के कारण टीम इंडिया से बाहर हुए हैं.

Tags: BCCI, Ben stokes, Big bash league, England Cricket, ICC, IPL

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