Bhojpuri: सुभाष चंद्र बोस पर बनने जा रही ये भोजपुरी फिल्म, जानिए आजादी के दीवाने की छह और कहानियों के बारे में


भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता के खिलाफ छिड़ी जंग में अब ऐतिहासिक फिल्मों की एंट्री हुई है। भोजपुरी में पहली बार कोई ऐतिहासिक फिल्म बनने जा रही है। ये फिल्म ‘नेताजी’ सुभाष चन्द्र बोस के जीवन पर मुख्य रूप से आधारित है लेकिन इसमें आजादी के उन दीवानों के किस्से भी भरपूर होंगे जिन्होंने भारत मां को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है। सुभाष चंद्र बोस की कहानियां इसके पहले हिंदी व अन्य भाषाओं में भी परदे पर पहुंच चुकी हैं लेकिन भोजपुरी में सुभाष चंद्र बोस पर फिल्म बनने का ये पहला मौका है। हाल के दिनों में तमाम निर्देशकों ने भोजपुरी में साफ सुथरी फिल्में बनाने की पहल की है। ऐसी ही एक फिल्म निर्देशक बॉबी सिंह भी ‘मेरे पापा’ नाम से बना रहे हैं।

भोजपुरी में ‘नेताजी’ पर बन रही फिल्म का नाम है ‘भारत माता की जय’। इस फिल्म के निर्देशक सुजीत कुमार सिंह बताते हैं, ‘यह फिल्म एक देशभक्ति फिल्म है और मैं कुछ ऐसा फिल्म के माध्यम से करने जा रहा हूं जिसे देखकर देशक्ति की भावना रखने वालो में और उत्त्साह बढ़ जाए। मेरी कोशिश है कि इस फिल्म को देखकर आने वाली पीढ़ी में भी देशभक्ति की भावना जागती रहै। फिल्म में सुभाष चंद्र बोस के किरदार को लेकर प्रिंस सिंह राजपूत को साइन किया गया है। फिल्म की शूटिंग मुंबई और उत्तर प्रदेश में होगी।’

भोजपुरी फिल्म ‘भारत माता की जय’ से पहले भी नेता जी सुभाष चन्द्र  नेताजी को ध्यान में रखते हुए कई फिल्में और वेब सीरीज बन चुकी हैं। जिसमें 1950 में निर्देशक रमेश सहगल ने ‘समाधि’ फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में सुभाष चंद्र बोस की सोच और उनके राजनैतिक नजरिये को दिखाया गया था। इसके अलावा पीयूष बोस ने 1966 में बंगाली फिल्म ‘सुभाष चंद्र’ का निर्माण किया। इस फिल्म में सुभाष चंद्र बोस के बचपन, कॉलेज के दिनों, आईसीएस  पास करने की कहानी, शुरुआती पॉलिटिकल कैंपेन और पुलिस अरेस्ट की कहानी को दिखाया गया था।

साल 2004 में ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’ फिल्म आई थी । इस फिल्म में सचिन खेडेकर ने नेताजी का रोल निभाया था। फिल्म की कहानी महात्मा गांधी और नेताजी के बीच उनके जर्मनी से जाने के मामले पर हुई असहमति के बारे में थी। 2011 में बंगाली फिल्म ‘अमी सुभाष बोल्छी’ एक ऐसे व्यक्ति के बारे में थी जिसका जीवन नेताजी सुभाष से मिलने के बाद बदल जाता है। मिथुन चक्रवर्ती स्टारर इस फिल्म के निर्देशक थे महेश मांजरेकर।

2019 में आई बंगाली फिल्म ‘गुमनामी’ में इस बात पर शक जताया गया है कि गुमनामी बाबा नाम का शख्स असल में कहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस तो नहीं। फिल्म तीन थ्योरी के बारे में बात करती है जिसमें बताया गया है कि आखिर नेताजी के साथ क्या हुआ था।  साल 2017 में आई नौ एपिसोड की सीरीज ‘बोस डेड/अलाइव’ में राजकुमार राव ने नेताजी का किरदार निभाया था। यह सीरीज बोस की रहस्यमयी मौत और उससे जुड़ी थ्योरीज पर आधारित थी।



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