Bihar: ‘थोड़ा वजन कम करो तेजस्वी’, पीएम मोदी ने दी सलाह तो मुस्कुराने लगे लालू के छोटे लाल


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बिहार के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा परिसर के शताब्दी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार विधान सभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास भी किया। वहीं कार्यक्रम के समापन के बाद कुछ मजाकिया माहौल भी बना। दरअसल, समारोह के बाद जब सभी नेता प्रधानमंत्री को छोड़ने के लिए बाहर जा रहे थे उसी दौरान पीएम मोदी की नजर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पड़ी। फिर क्या था पीएम मोदी ने तेजस्वी को सलाह दे डाली और कहा कि आप अपना वजन थोड़ा कम करो। पीएम मोदी की इस बात पर तेजस्वी भी मुस्कुराने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी दौरान तेजस्वी यादव से उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सेहत के बारे में भी जानकारी ली।

खुद की फिटनेस को लेकर सक्रिय रहते  हैं पीएम मोदी
कार्यक्रम के दौरान उनकी संक्षिप्त बातचीत में बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा हो रही थी इसी दौरान पीएम मोदी ने तेजस्वी को सलाह दी थी। बता दें कि पीएम मोदी अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद जागरूक रहते हैं और सोशल मीडिया पर लोगों को भी सलाह देते रहते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी खुद को फिट रखने के लिए सुबह में योगा भी करते हैं। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी की बात करें तो एक समय वे पेशेवर क्रिकेटर हुआ करते थे लेकिन राजनीति में आने के बाद वे फिटनेस पर कम ध्यान दे पा रहे हैं।

तेजस्वी ने की कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा ऐसा करके इस शताब्दी वर्ष समारोह एवं देश के किसी भी प्रधानमंत्री के बिहार विधानसभा प्रांगण में प्रथम आगमन को और अधिक यादगार बनाने की कृपा करें। तेजस्वी ने कहा, बिहार लोकतंत्र की जननी है अत: यहां से एक संदेश पूरे देश में जाना चाहिए। हम अलग-अलग दलों से इस विधानमंडल में है लेकिन हमारी वैचारिक प्रतिस्पर्धा राजनीतिक शत्रुता में नहीं बदलनी चाहिए। हमारे राज्य के वैशाली से ही लोकतंत्र बाकी जगहों पर प्रसारित हुआ। अत: मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी एंड लेजिस्लेटिव स्टडीज जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो। जिसके माध्यम से विधायी और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर शोध एवं अध्ययन के अवसर और प्रशिक्षण दिया जा सके। पूरे देश के जनप्रतिनिधियों, युवाओं और संबंधित कर्मचारियों को इससे लाभ मिलेगा।

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बिहार के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा परिसर के शताब्दी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार विधान सभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास भी किया। वहीं कार्यक्रम के समापन के बाद कुछ मजाकिया माहौल भी बना। दरअसल, समारोह के बाद जब सभी नेता प्रधानमंत्री को छोड़ने के लिए बाहर जा रहे थे उसी दौरान पीएम मोदी की नजर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पड़ी। फिर क्या था पीएम मोदी ने तेजस्वी को सलाह दे डाली और कहा कि आप अपना वजन थोड़ा कम करो। पीएम मोदी की इस बात पर तेजस्वी भी मुस्कुराने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी दौरान तेजस्वी यादव से उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सेहत के बारे में भी जानकारी ली।

खुद की फिटनेस को लेकर सक्रिय रहते  हैं पीएम मोदी

कार्यक्रम के दौरान उनकी संक्षिप्त बातचीत में बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा हो रही थी इसी दौरान पीएम मोदी ने तेजस्वी को सलाह दी थी। बता दें कि पीएम मोदी अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद जागरूक रहते हैं और सोशल मीडिया पर लोगों को भी सलाह देते रहते हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी खुद को फिट रखने के लिए सुबह में योगा भी करते हैं। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी की बात करें तो एक समय वे पेशेवर क्रिकेटर हुआ करते थे लेकिन राजनीति में आने के बाद वे फिटनेस पर कम ध्यान दे पा रहे हैं।

तेजस्वी ने की कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा ऐसा करके इस शताब्दी वर्ष समारोह एवं देश के किसी भी प्रधानमंत्री के बिहार विधानसभा प्रांगण में प्रथम आगमन को और अधिक यादगार बनाने की कृपा करें। तेजस्वी ने कहा, बिहार लोकतंत्र की जननी है अत: यहां से एक संदेश पूरे देश में जाना चाहिए। हम अलग-अलग दलों से इस विधानमंडल में है लेकिन हमारी वैचारिक प्रतिस्पर्धा राजनीतिक शत्रुता में नहीं बदलनी चाहिए। हमारे राज्य के वैशाली से ही लोकतंत्र बाकी जगहों पर प्रसारित हुआ। अत: मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी एंड लेजिस्लेटिव स्टडीज जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो। जिसके माध्यम से विधायी और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर शोध एवं अध्ययन के अवसर और प्रशिक्षण दिया जा सके। पूरे देश के जनप्रतिनिधियों, युवाओं और संबंधित कर्मचारियों को इससे लाभ मिलेगा।



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