Lalu Yadav In Patna: लालू के पटना आते ही भाजपा पड़ी नरम, जातिगत जनगणना पर चर्चा के लिए हुई तैयार


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 26 May 2022 12:19 PM IST

सार

लालू के पटना पहुंचते ही राजद कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिखा। मिसा भारती ने तो एक कदम आगे बढ़कर कहा कि आज नहीं तो कल सरकार जरूर बनाएंगे।
 

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राष्ट्रीय जनता दल(राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार की शाम बिहार की राजधानी पटना लौट आए हैं। चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार में जमानत पर बाहर आने के बाद लालू यादव पहली बार पटना लौटे हैं। लालू के पटना लौटते ही राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेतोओं को सूचना मिली कि लालू बिहार लौट आए हैं तो पार्टी ने नीतीश द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जाने की सहमति दे दी। दरअसल, भाजपा को पता है कि बिहार में जाति के आधार पर ज्यादा मतदान होता है और लालू यादव जाति की राजनीति करने में सबसे अधिक माहिर हैं।  भाजपा यदि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर चर्चा में शामिल नहीं होती तो इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ता। 

बिहार में पिछड़ों और अतिपिछड़ों की सबसे बड़ी आबादी
बता दें कि बिहार की सबसे बड़ी आबादी पिछड़ों और अतिपिछड़ों की है इसलिए जाति जनगणना का सबसे बड़ा फायदा भी इन्हीं जातियों को होने वाला है। पिछड़े और अतिपिछड़े का वोट बैंक जदयू और राजद दोनों को लाभ पहुंचाता है। हालांकि पीएम मोदी ने भी पिछड़ी जाति के होने का हवाला देकर वोटबैंक में सेंधमारी की है।  

विस्तार

राष्ट्रीय जनता दल(राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार की शाम बिहार की राजधानी पटना लौट आए हैं। चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार में जमानत पर बाहर आने के बाद लालू यादव पहली बार पटना लौटे हैं। लालू के पटना लौटते ही राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेतोओं को सूचना मिली कि लालू बिहार लौट आए हैं तो पार्टी ने नीतीश द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जाने की सहमति दे दी। दरअसल, भाजपा को पता है कि बिहार में जाति के आधार पर ज्यादा मतदान होता है और लालू यादव जाति की राजनीति करने में सबसे अधिक माहिर हैं।  भाजपा यदि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर चर्चा में शामिल नहीं होती तो इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ता। 

बिहार में पिछड़ों और अतिपिछड़ों की सबसे बड़ी आबादी

बता दें कि बिहार की सबसे बड़ी आबादी पिछड़ों और अतिपिछड़ों की है इसलिए जाति जनगणना का सबसे बड़ा फायदा भी इन्हीं जातियों को होने वाला है। पिछड़े और अतिपिछड़े का वोट बैंक जदयू और राजद दोनों को लाभ पहुंचाता है। हालांकि पीएम मोदी ने भी पिछड़ी जाति के होने का हवाला देकर वोटबैंक में सेंधमारी की है।  



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