बीरभूम हिंसा मामला : 21 आरोपी गिरफ्तार, ज्यादातर के नाम टीएमसी से जुड़े, सीबीआई ने लगाई सशस्त्र दंगे की धाराएं


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 26 Mar 2022 01:39 PM IST

सार

उधर, सीबीआई ने इन 21 आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 147, 148, 149 और अन्य धाराएं लगाई हैं। ये धाराएं सशस्त्र दंगे से संबंधित हैं। 
 

बीरभूम जिले में हिंसा

बीरभूम जिले में हिंसा
– फोटो : self

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विस्तार

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा के मामले में पुलिस ने 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से अधिकांश राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं।

उधर, सीबीआई ने इन 21 आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 147, 148, 149 और अन्य धाराएं लगाई हैं। ये धाराएं सशस्त्र दंगे से संबंधित हैं। बीरभूम जिले के बागतुई गांव में आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इससे दबाव में आई ममता सरकार ने पुलिस को ताबड़तोड़ गिरफ्तारी का आदेश दिया था। 

बीते 72 घंटे में पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

टीएमसी के सत्ता में आने के बाद सबसे बड़ी गिरफ्तारी

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस 2011 में बंगाल की सत्ता में आई थी। इसके बाद से यह सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। पुलिस ने टीएमसी के उप प्रधान भादू शेख की हत्या के मामले में भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। शेख की हत्या के बदले के तहत ही यह हिंसा भड़की थी, जिसमें आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था। कुल 10 लोग इस हिंसा में मारे गए हैं। 

गिरफ्तार लोगों में भादू शेख के छह परिजन

जिंदा जलाने के केस में गिरफ्तार आरोपियों में भादू शेख के परिवार के छह सदस्य शामिल हैं। इनके अलावा रामपुरहाट ब्लॉक का टीएमसी अध्यक्ष अनरूल हुसैन भी शामिल है। तीन लोग बिल्डिंग मटेरियल कारोबारी हैं और भादू शेख से जुड़े बताए गए हैं। बाकी सभी टीएमसी कार्यकर्ता हैं। अनरूल को ममता बनर्जी के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया है। हसन को 14 दिन की पुलिस हिरासत में सौंपा गया है। जिंदा जलाए गए लोगों के परिजनों ने कहा है कि वह इस मामले का मास्टर माइंड है। 

बीरभूम हिंसा को लेकर सियासत भी गर्म है। राज्यपाल, भाजपा नेता, माकपा व कांग्रेस ने ममता सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस व भाजपा ने तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उधर ममता बनर्जी भी बचाव की मुद्रा में आने के साथ ही विपक्षी दलों पर पलटवार कर रही हैं। 

 



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