Bitcoin और Ether फ‍िर सुस्‍त पड़े, ज्‍यादातर altcoin ने भी किया निराश


बीते 24 घंटों में बिटकॉइन (Bitcoin) और बाकी altcoins का प्रदर्शन खराब रहा है। बुधवार से पहले बिटकॉइन के लिए सप्‍ताह काफी अच्‍छा रहा, लेकिन पिछले दिनों देखे गए निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से मौजूदा रफ्तार भी खास नहीं लग रही। मौजूदा वक्‍त में बिटकॉइन का मूल्य  39,722 डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) है। भारतीय एक्सचेंज- कॉइनस्विच कुबेर पर बीते 24 घंटों में यह 3.84 फीसदी कम है। इस बीच ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पिछले 24 घंटों में 4.01 फीसदी की गिरावट के साथ 36,948 डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) रही है।

क्रिप्‍टो मार्केट की दूसरी सबसे बड़ी करेंसी Ether के लिए भी मार्केट अच्छा था, लेकिन बुधवार को यह तेजी खो गई। खबर लिखे जाने तक कॉइनस्विच कुबेर पर Ether की वैल्‍यू 2,866 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) है। वहीं, ग्‍लोबल एक्सचेंजों में Ether की वैल्‍यू 2,700 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) के मार्क पर है। इस तरह पिछले 24 घंटों में यह कॉइन 3.48 फीसदी के करीब गिर गया है। एक हफ्ते पहले Ether की कीमत से तुलना करें, तो CoinGecko का डेटा बताता है कि क्रिप्टोकरेंसी की वैल्‍यू अभी भी 7.9 फीसदी के प्रॉफ‍िट पर है। 

Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से altcoins की स्थिति का भी पता चलता है। इसके मुताबिक, Cardano, Solana, Avalanche, Polygon, Terra, Binance Coin, Cosmos, Polkadot और Chainlink सभी की वैल्‍यू में भारी गिरावट आई है। वहीं, मेटावर्स टोकन Decentraland (MANA), The Sandbox (SAND) और Enjin Coin (ENJ) का प्रदर्शन भी अच्‍छा नहीं है।  

altcoins की तरह मीम कॉइंस की शुरुआत भी इस महीने अच्छी नहीं रही है। बुधवार को SHIB और DOGE दोनों में गिरावट देखी गई। पिछले 24 घंटों में 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ Dogecoin की वैल्‍यू वर्तमान में 0.14 डॉलर (लगभग 11 रुपये) है। वहीं, शीबा इनु की वैल्‍यू 0.000022 डॉलर (लगभग 0.002 रुपये) है, जो पिछले 24 घंटों में 4.61 प्रतिशत कम हुई है।

क्रिप्टो बाजार में जारी अस्थिरता के बीच भारत के फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने एक न्‍यूज एजेंसी से कहा है कि Bitcoin या Ether जैसी क्रिप्टोकरेंसी को कभी भी लीगल टेंडर नहीं माना जाएगा। सिर्फ रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया ही लीगल टेंडर होगा। 

डिजिटल रूपी को RBI का सपोर्ट होगा, जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा RBI का होगा, उसका उसका नेचर डिजिटल होगा। डिजिटल रूपी को लीगल टेंडर भी माना जाएगा। फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा कि डिजिटल रूपी का इस्‍तेमाल करके नॉन-डिजिटल असेट्स भी खरीदे जा सकते हैं।
 

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