cryptopotato ने फर्म की प्रेस रिलीज के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि शायद बिटकॉइन को पिछली तकनीकों की तुलना में तेजी से अपनाया जाएगा। फर्म को उम्मीद है कि 10 फीसदी दुनिया सिर्फ 8 साल में इस नेटवर्क में शामिल हो जाएगी।
ब्लॉकवेयर सॉल्यूशंस के लीड इनसाइट एनालिस्ट विल क्लेमेंटे ने एक इंटरव्यू में कहा है कि आने वाले साल में बिटकॉइन नेटवर्क का असर असाधारण होगा। रिपोर्ट में यह भी तर्क दिया गया है कि यूजर्स अडॉप्टेशन से बिटकॉइन की कीमतों पर पॉजिटिव असर पड़ता है। फिलहाल बिटकॉइन नेटवर्क के एक्टिव यूजर्स की संख्या दुनिया की आबादी का लगभग 0.36% होने का अनुमान है।
रिपोर्ट कहती है कि जिस तरह दुनिया ने ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक पावर जैसी तकनीकों को अपनाया, उससे भी तेजी से बिटकॉइन को अपनाने का अनुमान है। हालांकि रिपोर्ट के लेखकों ने इस बात पर जोर दिया है कि इस भविष्यवाणी के लिए उन्होंने जो मॉडल इस्तेमाल किया है, वह सिर्फ वैचारिक है। इससे वह निवेशकों को किसी तरह की कोई सलाह नहीं दे रहे।
गौरतलब है कि पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने का चलन तेजी से बढ़ा है। ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट गेटवे ट्रिपलए (TripleA) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में ग्लोबल क्रिप्टो ओनरशिप रेट दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक क्रिप्टो यूजर्स के साथ 3.9 फीसदी तक पहुंच गया है। ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis ने पिछले साल खुलासा किया था कि जुलाई 2020 से जून 2021 तक बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में 881% की बढ़ोतरी हुई। वियतनाम में इसे सबसे ज्यादा अपनाया गया और इसके बाद भारत और पाकिस्तान का स्थान है।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जेमिनी के भी एक सर्वे में पता चला था कि साल 2021 में भारत, ब्राजील और हांगकांग जैसे देशों में क्रिप्टो अपनाने में बढ़ोतरी हुई है। इन देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टो में निवेश शुरू किया है।
भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें
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