असामान्य : छोटी उम्र में ब्रेन ट्यूमर.. तो 5 साल जीने की संभावना आधी, अमेरिका में तीन माह से छोटे 14500 बच्चों पर किया अध्ययन


एजेंसी, ऑरोरा। 
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 29 Mar 2022 05:28 AM IST

सार

छोटे बच्चों में ब्रेन ट्यूमर होने पर अहम लक्षण उनका काफी समय तक बेहद परेशान नजर आना या रोना हो सकता है। उनके सिर की परिधि तेजी से बढ़ सकती है। एक और लक्षण उनका अजीब तरीके से अपनी आंखें घुमाना हो सकता है। बड़ी उम्र के बच्चों में सिरदर्द की शिकायत व उल्टियां आना प्रमुख लक्षण हैं।

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अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के कैंसर सेंटर का दावा है कि 3 माह से छोटे बच्चों में अगर ब्रेन ट्यूमर होता है तो उनके पांच साल और जीने की संभावना 1 से 19 साल के बच्चों व किशोरों के मुकाबले आधी रह जाती है। अध्ययनकर्ताओं में शामिल डॉ. एडम ग्रीन ने बताया कि नवजात में ब्रेन ट्यूमर असामान्य है, लेकिन पाया जाता है। अध्ययनकर्ताओं की यह रिपोर्ट जनरल ऑफ न्यूरो-ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित की गई। इसके लिए 19 साल से छोटे उन 14,500 बच्चों की रिपोर्ट्स का विश्लेषण हुआ जिनमें ब्रेन ट्यूमर मिला था।

अध्ययन से उम्मीद

  • बच्चों में ब्रेन ट्यूमर पर जागरूकता बढ़ेगी और नवजातों के लिए इलाज के मानक तय हो सकेंगे।
  • इलाज के लिए विशेषज्ञता बढ़ाने में मदद मिलेगी, प्रोटोकॉल बनाए जाएंगे।
इस तरह किया अध्ययन
बच्चों को आयु के अनुसार चार वर्गों में बांटा गया। यह आंकड़े देश के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान निगरानी, रोग प्रसार और परिणाम कार्यक्रम के तहत जुटाए जाते हैं। इसमें देश की 25% आबादी कवर होती है।

रेडिएशन का उपयोग भी करने से डरते हैं चिकित्सक
डॉ. ग्रीन के अनुसार पांच साल से छोटे बच्चों में रेडिएशन का सावधानी से उपयोग किया जाता है। लेकिन इसकी सहमति माता-पिता को देनी होती है। चिकित्सकों को भी लगता है कि यह बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं।

सामने आया : 35 प्रतिशत ही 5 साल जी पाते हैं
डॉ. ग्रीन ने पाया कि ब्रेन ट्यूमर होने पर 3 माह के 30 से 35 प्रतिशत बच्चे ही पांच साल या उससे अधिक जी पाते हैं। 1 से 19 साल के बच्चों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत है। 1 साल से छोटे अन्य बच्चों में भी बचने की संभावना बाकी बच्चों से काफी कम थी।

ऐसा इसलिए होता है
अध्ययनकर्ताओं का अनुमान है कि छोटी उम्र के बच्चों को इलाज व सर्जरी देने को लेकर चिकित्सकों में कई भ्रांतियां व झिझक है। इसकी वजह है कि यह इलाज अक्सर छोटे बच्चों में सफल परिणाम नहीं दे पाते। दूसरी ओर छोटे बच्चे बाकियों की तरह अपने रोग के लक्षण नहीं बता पाते, इसलिए जांच में देरी हो जाती है।

लक्षण पहचानें
छोटे बच्चों में ब्रेन ट्यूमर होने पर अहम लक्षण उनका काफी समय तक बेहद परेशान नजर आना या रोना हो सकता है। उनके सिर की परिधि तेजी से बढ़ सकती है। एक और लक्षण उनका अजीब तरीके से अपनी आंखें घुमाना हो सकता है। बड़ी उम्र के बच्चों में सिरदर्द की शिकायत व उल्टियां आना प्रमुख लक्षण हैं।

विस्तार

अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के कैंसर सेंटर का दावा है कि 3 माह से छोटे बच्चों में अगर ब्रेन ट्यूमर होता है तो उनके पांच साल और जीने की संभावना 1 से 19 साल के बच्चों व किशोरों के मुकाबले आधी रह जाती है। अध्ययनकर्ताओं में शामिल डॉ. एडम ग्रीन ने बताया कि नवजात में ब्रेन ट्यूमर असामान्य है, लेकिन पाया जाता है। अध्ययनकर्ताओं की यह रिपोर्ट जनरल ऑफ न्यूरो-ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित की गई। इसके लिए 19 साल से छोटे उन 14,500 बच्चों की रिपोर्ट्स का विश्लेषण हुआ जिनमें ब्रेन ट्यूमर मिला था।

अध्ययन से उम्मीद

  • बच्चों में ब्रेन ट्यूमर पर जागरूकता बढ़ेगी और नवजातों के लिए इलाज के मानक तय हो सकेंगे।
  • इलाज के लिए विशेषज्ञता बढ़ाने में मदद मिलेगी, प्रोटोकॉल बनाए जाएंगे।
इस तरह किया अध्ययन

बच्चों को आयु के अनुसार चार वर्गों में बांटा गया। यह आंकड़े देश के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान निगरानी, रोग प्रसार और परिणाम कार्यक्रम के तहत जुटाए जाते हैं। इसमें देश की 25% आबादी कवर होती है।

रेडिएशन का उपयोग भी करने से डरते हैं चिकित्सक

डॉ. ग्रीन के अनुसार पांच साल से छोटे बच्चों में रेडिएशन का सावधानी से उपयोग किया जाता है। लेकिन इसकी सहमति माता-पिता को देनी होती है। चिकित्सकों को भी लगता है कि यह बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं।



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