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मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने इस साल उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में 68.64 करोड़ रुपये खर्च किए, जो तीन राष्ट्रीय दलों- टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई के चुनावी खर्च से 9 करोड़ रुपये अधिक है। पार्टी ने चुनाव आयोग को अपनी प्रस्तुति में कहा कि उसने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 68,64,63,288 रुपये खर्च किए।
जबकि उसने उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह केवल एक ही जीतने में सफल रही। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने दलित नेता मायावती के नेतृत्व में बसपा के खराब प्रदर्शन को पार्टी के लिए उसका पतन करार दिया था। चुनाव आयोग को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि उसने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 47.54 करोड़ रुपये खर्च किए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी चुनावी खर्च रिपोर्ट में कहा कि उसने पांच राज्यों में 1.30 करोड़ रुपये खर्च किए। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का चुनावी बिल 10.54 करोड़ रुपये था। बीएसपी ने उत्तराखंड में दो और पंजाब में एक सीट जीती, जबकि गोवा और मणिपुर में खाली हाथ रही। बीएसपी, टीएमसी, भाकपा और एनसीपी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं। भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सत्ता बरकरार रखी, जबकि आम आदमी पार्टी ने राज्य के चुनावों में पंजाब में कांग्रेस को बाहर कर दिया था।