Maharashtra Crisis: भाजपा नेता का बड़ा दावा-महाराष्ट्र के बाद कतार में झारखंड-राजस्थान, टीएमसी सरकार का भी यही हश्र होगा


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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट में उलझा हुआ है। सत्तारूढ़ शिवसेना के कई विधायक असम में डेरा  डाले हुए हैं। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि कार्यकाल समाप्त होने से बहुत पहले ही बंगाल में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार का ऐसा ही हश्र होगा। 

अधिकारी ने यह भी कहा कि गैर-भाजपा शाषित राज्य महाराष्ट्र के बाद झारखंड और राजस्थान भी कतार में हैं और उसके बाद बंगाल की बारी आएगी। 

उनकी टिप्पणी पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में अपनी हार से निराश भगवा खेमा सत्ता पर कब्जा करने के लिए बोली लगा रहा है। 

अधिकारी ने कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, पहले महाराष्ट्र में इस स्थिति को हल होने दें। फिर झारखंड और राजस्थान की बारी होगी। उसके बाद पश्चिम बंगाल आता है। उनका (टीएमसी) भी यही हश्र (अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों की तरह) होगा। यह सरकार 2026 तक नहीं चलेगी, यह सरकार 2024 तक सत्ता से बेदखल हो जाएगी। 

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी पर निशाना साधते हुए टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा को पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा इसलिए सत्ता हथियाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

उन्होंने कहा, जोरदार चुनाव प्रचार के बावजूद चुनाव में भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। अब वे किसी भी तरह सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। उनकी टिप्पणियों से भगवा खेमे की हताशा की बू आती है। 

इसी तरह टीएमसी के वरिष्ठ सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि अधिकारी की टिप्पणी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भाजपा ने महाराष्ट्र को संकट में डाला।  उन्होंने आगे कहा, “बिल्ली अब थैले से बाहर आ गई है। यह टिप्पणी साबित करती है कि पश्चिमी राज्य में राजनीतिक संकट के पीछे भाजपा का कैसे हाथ है। भाजपा देश के हर विपक्ष शासित राज्य के पीछे लगी है। इस देश की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।”

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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट में उलझा हुआ है। सत्तारूढ़ शिवसेना के कई विधायक असम में डेरा  डाले हुए हैं। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि कार्यकाल समाप्त होने से बहुत पहले ही बंगाल में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार का ऐसा ही हश्र होगा। 

अधिकारी ने यह भी कहा कि गैर-भाजपा शाषित राज्य महाराष्ट्र के बाद झारखंड और राजस्थान भी कतार में हैं और उसके बाद बंगाल की बारी आएगी। 

उनकी टिप्पणी पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में अपनी हार से निराश भगवा खेमा सत्ता पर कब्जा करने के लिए बोली लगा रहा है। 

अधिकारी ने कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, पहले महाराष्ट्र में इस स्थिति को हल होने दें। फिर झारखंड और राजस्थान की बारी होगी। उसके बाद पश्चिम बंगाल आता है। उनका (टीएमसी) भी यही हश्र (अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों की तरह) होगा। यह सरकार 2026 तक नहीं चलेगी, यह सरकार 2024 तक सत्ता से बेदखल हो जाएगी। 

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी पर निशाना साधते हुए टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा को पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा इसलिए सत्ता हथियाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

उन्होंने कहा, जोरदार चुनाव प्रचार के बावजूद चुनाव में भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। अब वे किसी भी तरह सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। उनकी टिप्पणियों से भगवा खेमे की हताशा की बू आती है। 

इसी तरह टीएमसी के वरिष्ठ सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि अधिकारी की टिप्पणी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भाजपा ने महाराष्ट्र को संकट में डाला।  उन्होंने आगे कहा, “बिल्ली अब थैले से बाहर आ गई है। यह टिप्पणी साबित करती है कि पश्चिमी राज्य में राजनीतिक संकट के पीछे भाजपा का कैसे हाथ है। भाजपा देश के हर विपक्ष शासित राज्य के पीछे लगी है। इस देश की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।”



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