नई दिल्ली. हर साल बजट से पहले होने वाली ‘हलवा सेरेमनी’ को इस बार ओमिक्रॉन संक्रमण के डर से रोक दिया गया है. भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब बजट से पहले की इस परंपरा को नहीं निभाया गया. केंद्र सरकार ने बताया कि दिल्ली में महामारी की खतरनाक स्थितियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
सरकार ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कोविड संक्रमण की संख्या घटने के साथ ही नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने लगे और इसे प्रमुख स्ट्रेन (strain) घोषित कर दिया गया है. केंद्रीय बजट (Union Budget) की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं और संक्रमण के जोखिम व हेल्थ प्रोटोकॉल को देखते हुए इस बार कोर स्टाफ को मिठाइयां बांटी गई हैं. बजट बनाने में जुटे सभी अधिकारियों को कार्यस्थल पर ही ‘लॉक इन’ मोड में रखा गया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पिछली बार की तरह इस बार भी 1 फरवरी को पेपरलेस ग्रीन बजट पेश करेंगी.
ये भी पढ़ें – जब शेयर बाजार गिरता है तो कहां चला जाता है आपका पैसा, जानें इसका फंडा
निर्मला सीतारमण को बनाना था हलवा
बजट को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय हर साल नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने बेसमेंट में हलवा सेरेमनी करता है. इस दौरान वित्तमंत्री पारंपरिक कढ़ाई में हलवा पकाने के लिए करछी चलाते हैं. फिलहाल यह काम मौजूदा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को करना था और हलवा पकाकर बजट बनाने में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों में परंपरा के तौर पर बांटना था.
ये भी पढ़ें – एलआईसी से खरीदी है पॉलिसी, अब घर बैठे चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस
इसलिए कमरे में बंद किए जाते हैं अधिकारी
बजट बनाने वाले सभी अधिकारियों व अन्य स्टाफ को इसकी शुरुआत से लेकर बजट पेश किए जाने तक एक ही जगह बंद रखा जाता है. यह कदम बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए होता है और इसे सार्वजनिक किए जाने के बाद ही इन अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने परिवार या अन्य सगे संबंधियों से मिलने दिया जाता है. बजट छापने के लिए नॉर्थ ब्लॉक के अंदर ही प्रेस भी स्थित है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Budget, Finance minister Nirmala Sitharaman