Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. जिसमें कई प्रमुख घोषणाओं के बीच उन्होंने मिश्रित ईंधन (blended fuel) को लेकर भी बड़ी घोषणा की. उन्होंन कहा कि भारत में कच्चे तेल के आयात को कम करने के लिए और अनब्लेंडेड ऑयल को बढ़ावा देने के लिए बिना अनब्लेंडेड ऑयल पर 2 रुपए बढ़ाने का फैसला किया है. यह बढ़ी हुई कीमत 1 अक्टूबर से लागू होगी. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में पहले से ही फ्लेक्स-फ्यूल से चलाने वाले वाहन चल रह हैं.
भारत पेट्रोलियम उत्पाद का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है और इससे सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ बढ़ जाता है. दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 से 2020-21 के बीच पेट्रोलियम की आयात लागत 39.6 फीसदी बढ़कर 10.6 अरब डॉलर से बढ़कर 14.8 अरब डॉलर हो गई.
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क्या है ब्लेंडेड ऑयल
ब्लेंडेड ऑयल मोटे तौर पर पेट्रोल या डीजल की तरह ही होता है. इसे फ्लेक्स-ईंधन इंजन से चलने वाली कारों में उपयोग किया जाता है. इसमें इथेनॉल जैसे अन्य तरल पदार्थ मिलाए जाते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिसंबर में पुष्टि की थी कि वाहन निर्माताओं के पास अपने वाहनों में फ्लेक्सी-ईंधन इंजन पेश करने के लिए छह महीने का समय है. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने इस आशय की सलाह के साथ फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पर एक फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं.
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क्या हैं इसके फायदे?
पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिलाने से वाहनों से कम उत्सर्जन होता है. ब्लेंडेड ऑयल ऑक्टेन रेटिंग को बढ़ाता है, जिससे वाहन मैंटेनेंस भी कम हो जाता है. चूंकि इथेनॉल का उत्पादन किण्वन और आसवन की प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, इसलिए यह देश में गन्ना किसानों के लिए भी फायदेमंग होता है.
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