बुलेट ट्रेन परियोजना: अब लेने लगी है आकार, बुनियादी ढांचे का काम आगे बढ़ा, यात्री सुविधाओं पर ध्यान


नवनीत शरण, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 15 Apr 2022 03:45 AM IST

सार

हाई स्पीड ट्रेन की संचार प्रणाली को वायुयान की संचार प्रणाली की तरह बनाया गया है। इसमें यात्रियों के लिए एक आपात बटन होगा। सफर के दौरान यात्री अपनी परेशानी से बुलेट ट्रेन के चालक दल को अवगत करा सकेंगे। कोच को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है।

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बुलेट ट्रेन परियोजना अब आकार लेने लगी है। गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। सूरत, भरूच, बिलिमोरा, आनंद, वडोदरा समेत गुजरात में जिन जगहों से यह ट्रेन गुजरेगी, वहां पर काम नजर आने लगा है।

ट्रेन के आधारभूत संरचना पर काम आगे बढ़ने के बाद अब यात्री सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें आपात स्थिति में चालक दल से यात्रियों के बात करने, महिलाओं को उनके शिशुओं को स्तनपान कराने सहित मरीज के लिए एक कोच में बेड की भी व्यवस्था होगी।

हाई स्पीड ट्रेन की संचार प्रणाली को वायुयान की संचार प्रणाली की तरह बनाया गया है। इसमें यात्रियों के लिए एक आपात बटन होगा। सफर के दौरान यात्री अपनी परेशानी से बुलेट ट्रेन के चालक दल को अवगत करा सकेंगे। कोच को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है। कोच में डबल स्किन एल्युमीनियम एलॉय, एयर टाइट फ्लोर, साउंड एब्जॉर्बिंग साइड कवर आदि पैनल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही कंपन कम करने के लिये सभी कारों को एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम से लैस किया जाएगा। आरामदेह सीट को ध्यान में रखते हुए सभी कारों में रिक्लाइनिंग सीट होगी।

18 घंटे चलेगी बुलेट ट्रेन
इस परियोजना को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। ट्रेन सुबह 6 बजे से चलनी शुरू होगी और रात 12 बजे तक चलेगी। व्यस्त समय में 20 मिनट पर और गैर-व्यस्त समय में आधे घंटे पर ट्रेन मिलेगी।

विस्तार

बुलेट ट्रेन परियोजना अब आकार लेने लगी है। गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। सूरत, भरूच, बिलिमोरा, आनंद, वडोदरा समेत गुजरात में जिन जगहों से यह ट्रेन गुजरेगी, वहां पर काम नजर आने लगा है।

ट्रेन के आधारभूत संरचना पर काम आगे बढ़ने के बाद अब यात्री सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें आपात स्थिति में चालक दल से यात्रियों के बात करने, महिलाओं को उनके शिशुओं को स्तनपान कराने सहित मरीज के लिए एक कोच में बेड की भी व्यवस्था होगी।

हाई स्पीड ट्रेन की संचार प्रणाली को वायुयान की संचार प्रणाली की तरह बनाया गया है। इसमें यात्रियों के लिए एक आपात बटन होगा। सफर के दौरान यात्री अपनी परेशानी से बुलेट ट्रेन के चालक दल को अवगत करा सकेंगे। कोच को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है। कोच में डबल स्किन एल्युमीनियम एलॉय, एयर टाइट फ्लोर, साउंड एब्जॉर्बिंग साइड कवर आदि पैनल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही कंपन कम करने के लिये सभी कारों को एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम से लैस किया जाएगा। आरामदेह सीट को ध्यान में रखते हुए सभी कारों में रिक्लाइनिंग सीट होगी।

18 घंटे चलेगी बुलेट ट्रेन

इस परियोजना को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। ट्रेन सुबह 6 बजे से चलनी शुरू होगी और रात 12 बजे तक चलेगी। व्यस्त समय में 20 मिनट पर और गैर-व्यस्त समय में आधे घंटे पर ट्रेन मिलेगी।



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