Bundelkhand Expressway: पीएम मोदी 13 जुलाई को करेंगे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण, यूपीडा ने शुरू कीं तैयारियां


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को जनता के लिए समर्पित करेंगे। पीएम जालौन से इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भरतकूप के पास ग्राम गोंडा (चित्रकूट) में झांसी-इलाहाबाद राजमार्ग से प्रारंभ होता है और इटावा की तहसील ताखा के ग्राम कुदरैल के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में मिलता है। इसकी कुल लंबाई 296.07 किमी है। एक्सप्रेस-वे फोर लेन है, जिसे छह लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। एक्सप्रेसवे पर 4 स्थानों पर फ्यूल पंप स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चित्रकूट से दिल्ली सात घंटे का सफर हरे-भरे पेड़ों की छाया में होगा। 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को ‘ग्रीन बेल्ट’ बनाया जा रहा है। पूरे एक्सप्रेसवे पर 13 लाख 79 हजार पेड़-पौधे लगाने की तैयारी है। यानी हर किलोमीटर पर औसतन 4658 पौधे लगेंगे। एक्सप्रेसवे निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था यूपीडा ने यही दावा किया है।

एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा होने वाला है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उरई में इसके उद्घाटन की तैयारियां की जा रही हैं। केंद्र सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के जरिए बुंदेलखंड में हरियाली भी बढ़ाने की मंशा है। एक्सप्रेसवे को छह पैकेज में बनाया गया है।

कार्यदायी संस्था यूपीडा के प्रोजेक्ट सहायक अभियंता एसके यादव के मुताबिक एक्सप्रेसवे के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में हर किलोमीटर पर 1998 पौधे लगाए जाएंगे। इनमें पीपल, बरगद, अशोक आदि के पौधे होंगे। एक्सप्रेसवे के बीच (मीडियन) में प्रति किलोमीटर 666 फूलदार पौधे लगाए जाएंगे। इनकी ऊंचाई 4 से 5 फीट होगी। इन पौधों से वाहनों की तेज रोशनी दूसरी लेन वाले वाहन पर नहीं पड़ेगी। अक्सर वाहनों की चकाचौंध लाइट से ही दुर्घटनाएं होती हैं। यूपीडा के मुताबिक आरओडब्ल्यू में पौधरोपण के लिए फैंसिंग कराई जा चुकी है। 

बारिश की हर बूंद संरक्षित करेगा एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बारिश की एक-एक बूंद संरक्षित की जाएगी। बुंदेलखंड में तेजी से गिरते भूजल स्तर के लिए यह खास कदम होगा। यूपीडा के प्रशासनिक अधिकारी जंगबहादुर के मुताबिक पूरे एक्सप्रेसवे पर हर 500 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग के लिए रिवर्स बोरिंग की जा रही है। एक्सप्रेसवे पर बारिश का पानी सीमेंट की नालियों से 15 मीटर लंबे और तीन मीटर चौड़े तथा तीन मीटर गहरी हौज (टंकी) में जाएगा। यहां से 50-50 फीट गहराई में रिवर्स बोरिंग से पानी भूगर्भ में समा जाएगा। प्रदेश में यह पहला एक्सप्रेसवे है जहां मीडियन के बीच मेटर क्रास बार्डर लगाए गए हैं। इससे अगर किसी एक लेन में कोई हादसा होता है तो दूसरी लेन प्रभावित नहीं होगी और ट्रैफिक चालू रहेगा।

प्रधानमंत्री लगाएंगे 75 औषधीय पौधे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की हरियाली में औषधीय पेड़-पौधे भी नजर आएंगे। लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री यहां खुद 75 औषधीय पौधे लगाएंगे। ऑक्सीजन देने वाले पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को जनता के लिए समर्पित करेंगे। पीएम जालौन से इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भरतकूप के पास ग्राम गोंडा (चित्रकूट) में झांसी-इलाहाबाद राजमार्ग से प्रारंभ होता है और इटावा की तहसील ताखा के ग्राम कुदरैल के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में मिलता है। इसकी कुल लंबाई 296.07 किमी है। एक्सप्रेस-वे फोर लेन है, जिसे छह लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। एक्सप्रेसवे पर 4 स्थानों पर फ्यूल पंप स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चित्रकूट से दिल्ली सात घंटे का सफर हरे-भरे पेड़ों की छाया में होगा। 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को ‘ग्रीन बेल्ट’ बनाया जा रहा है। पूरे एक्सप्रेसवे पर 13 लाख 79 हजार पेड़-पौधे लगाने की तैयारी है। यानी हर किलोमीटर पर औसतन 4658 पौधे लगेंगे। एक्सप्रेसवे निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था यूपीडा ने यही दावा किया है।

एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा होने वाला है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उरई में इसके उद्घाटन की तैयारियां की जा रही हैं। केंद्र सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के जरिए बुंदेलखंड में हरियाली भी बढ़ाने की मंशा है। एक्सप्रेसवे को छह पैकेज में बनाया गया है।

कार्यदायी संस्था यूपीडा के प्रोजेक्ट सहायक अभियंता एसके यादव के मुताबिक एक्सप्रेसवे के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में हर किलोमीटर पर 1998 पौधे लगाए जाएंगे। इनमें पीपल, बरगद, अशोक आदि के पौधे होंगे। एक्सप्रेसवे के बीच (मीडियन) में प्रति किलोमीटर 666 फूलदार पौधे लगाए जाएंगे। इनकी ऊंचाई 4 से 5 फीट होगी। इन पौधों से वाहनों की तेज रोशनी दूसरी लेन वाले वाहन पर नहीं पड़ेगी। अक्सर वाहनों की चकाचौंध लाइट से ही दुर्घटनाएं होती हैं। यूपीडा के मुताबिक आरओडब्ल्यू में पौधरोपण के लिए फैंसिंग कराई जा चुकी है। 

बारिश की हर बूंद संरक्षित करेगा एक्सप्रेसवे

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बारिश की एक-एक बूंद संरक्षित की जाएगी। बुंदेलखंड में तेजी से गिरते भूजल स्तर के लिए यह खास कदम होगा। यूपीडा के प्रशासनिक अधिकारी जंगबहादुर के मुताबिक पूरे एक्सप्रेसवे पर हर 500 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग के लिए रिवर्स बोरिंग की जा रही है। एक्सप्रेसवे पर बारिश का पानी सीमेंट की नालियों से 15 मीटर लंबे और तीन मीटर चौड़े तथा तीन मीटर गहरी हौज (टंकी) में जाएगा। यहां से 50-50 फीट गहराई में रिवर्स बोरिंग से पानी भूगर्भ में समा जाएगा। प्रदेश में यह पहला एक्सप्रेसवे है जहां मीडियन के बीच मेटर क्रास बार्डर लगाए गए हैं। इससे अगर किसी एक लेन में कोई हादसा होता है तो दूसरी लेन प्रभावित नहीं होगी और ट्रैफिक चालू रहेगा।

प्रधानमंत्री लगाएंगे 75 औषधीय पौधे

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की हरियाली में औषधीय पेड़-पौधे भी नजर आएंगे। लोकार्पण के अवसर पर प्रधानमंत्री यहां खुद 75 औषधीय पौधे लगाएंगे। ऑक्सीजन देने वाले पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है।



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