कनाडा: सरदार पटेल की प्रतिमा का हुआ अनावरण, पीएम मोदी बोले- भारतीय कहीं भी रहें, भारत के लिए उनकी निष्ठा कम नहीं होती


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 01 May 2022 10:06 PM IST

सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के मरखम में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीयों और भारत के विचार पर बात की।

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कनाडा के मरखम में सनातन मंदिर सांस्कृतिक केंद्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रूप से संबोधित किया। उन्होंने प्रतिमा अनावरण को प्रवासी भारतीयों की ओर से भारत के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए की गई एक महान पहल बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी रहे, कितनी ही पीढ़ियों तक रहे, उसकी भारतीयता, उसकी भारत के प्रति निष्ठा लेश मात्र भी कम नहीं होती। वो भारतीय जिस देश में रहता है पूरी लगन और ईमानदारी से उस देश की भी सेवा करता है। उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया के हित की कामना करते हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत एक देश होने के साथ-साथ एक महान परंपरा है, वैचारिक प्रतिष्ठान है और संस्कृति की एक धारा है। भारत एक ऐसा सर्वोच्च विचार है जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की बात करता है। भारत पूरे संसार के हित के लिए प्रार्थना करता है। यह दूसरों के नुकसान की कीमत पर अपने उत्थान के बारे में नहीं सोचता।

विस्तार

कनाडा के मरखम में सनातन मंदिर सांस्कृतिक केंद्र में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रूप से संबोधित किया। उन्होंने प्रतिमा अनावरण को प्रवासी भारतीयों की ओर से भारत के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए की गई एक महान पहल बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी रहे, कितनी ही पीढ़ियों तक रहे, उसकी भारतीयता, उसकी भारत के प्रति निष्ठा लेश मात्र भी कम नहीं होती। वो भारतीय जिस देश में रहता है पूरी लगन और ईमानदारी से उस देश की भी सेवा करता है। उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया के हित की कामना करते हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत एक देश होने के साथ-साथ एक महान परंपरा है, वैचारिक प्रतिष्ठान है और संस्कृति की एक धारा है। भारत एक ऐसा सर्वोच्च विचार है जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की बात करता है। भारत पूरे संसार के हित के लिए प्रार्थना करता है। यह दूसरों के नुकसान की कीमत पर अपने उत्थान के बारे में नहीं सोचता।



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