न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 07 Feb 2022 08:43 PM IST
सार
अमर उजाला आपको बता रहा है कि राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर बुधवार को किन मुद्दों पर निशाना साधा था और आज पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका किस तरह से जवाब दिया…
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने किया राहुल गांधी के कटाक्षों पर पलटवार।
– फोटो : ANI
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भाषण दिया। पीएम ने अपने डेढ़ घंटे से ज्यादा चले भाषण में हर उस मुद्दे, तंज और कटाक्ष का जवाब दिया, जिन्हें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से उठाया गया था। मोदी ने राहुल के दो भारत वाले बयान से लेकर उद्योगपतियों को कोरोना के वैरिएंट बताने तक पर बिना नाम लिए उनकी जबरदस्त आलोचना की।
अमर उजाला आपको बता रहा है कि राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर बुधवार को किन मुद्दों पर निशाना साधा था और आज पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका किस तरह से जवाब दिया…
राहुल गांधी ने क्या उठाए थे सवाल और पीएम मोदी ने क्या दिए जवाब?
1. भारत दो हिस्सों में बंट रहा है
राहुल गांधी: “राष्ट्रपति के अभिभाषण में कामों की लंबी सूची तो थी, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया कि आज भारत बंट चुका है। आज एक नहीं दो भारत हो गए हैं। एक अमीरों का हिंदुस्तान और एक गरीबों का हिंदुस्तान और इन दोनों हिंदुस्तानों में खाई बढ़ती जा रही है।”
नरेंद्र मोदी: “कोरोनाकाल में बीमारी से मरने की जो तादाद थी, वही भूख से मरने वालों की तादाद थी। लेकिन सरकार ने भूख से किसी को मरने नहीं दिया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया। हमारा टोटल निर्यात रिकॉर्ड पर पहुंच गया। कृषि और सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। मोबाइल एक्सपोर्ट में वृद्धि हुई है। आत्मनिर्भर भारत का कमाल है कि आज भारत डिफेंस एक्सपोर्ट में कमाल कर रहा है।”
2. अंबानी-अडाणी पर
राहुल गांधी: “मैं आज देश के दो सबसे बड़े मोनोपोलिस्ट के बारे में भी बोलूंगा। कोरोना के समय अलग अलग वैरिेएंट्स आते हैं। ये दो भी दो अलग-अलग वैरिएंट्स हैं। ये हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में फैल रहा है। इसलिए सारा धन इन्हीं हाथों में जा रहा है।”
नरेंद्र मोदी: “कुछ लोग देश के नौजवानों को देश के वेल्थ क्रिएटर को डराने में आनंद लेते हैं। देश का युवा उनकी बातें सुन नहीं रहा। इसलिए आगे बढ़ रहा है। इन्हीं स्टार्टअप्स में कई के पास एमएनसी बनने का दम है। लेकिन कांग्रेस के साथी कहते हैं कि ये उद्यमी लोग कोरोनावायरस का वैरिएंट हैं। क्या हो गया है हमें। हमारे देश के उद्यमी कोरोनावायरस के वैरिएंट हैं क्या। पीएम ने कहा, “कांग्रेस की सरकार में ही मजा लेने वाले लोग नेहरु और इंदिरा की सरकार को लेकर कहते थे कि इनकी सरकार को टाटा-बिड़ला चला रहे हैं। आपने उनके साथ सत्ता साझा की। लेकिन उनकी आदतें भी ले लीं। आप इतना नीचे गए हो।”
3. गरीबी पर
राहुल गांधी: “यूपीए की सरकार ने, आपने साठ साल की बात कर रहें तो बता दूं कि हमारी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। ये हमारा आंकड़ा नहीं है। आप हंसिए, लेकिन ये हमारा आंकड़ा नहीं है। हमने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया है।”
नरेंद्र मोदी: “इस सदन में गरीबी कम करने के भी आंकड़े दिए गए, लेकिन एक बात भूल गए। इस देश का गरीब इतना विश्वासघाती नहीं है कि कोई सरकार उसकी भलाई के काम करे और वो फिर उसी को सत्ता से बाहर कर दे। ये देश के गरीब के स्वभाव में नहीं है। आपकी यह दुर्दशा इसीलिए आई, क्योंकि आप बातों से ही गरीब को मनाते थे। लेकिन इस देश का गरीब इतना जागरुक है कि आपको 44 सीटों पर लाकर रोक दिया। कांग्रेस 1971 से गरीबी हटाओ के नारे पर जीतती रही। 40 साल बाद गरीबी तो हटी नहीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने नई परिभाषा दे दी। कांग्रेस ने क्या किया- 2013 में एक ही झटके में उन्होंने कागज में कमांड कर के 17 करोड़ गरीबों को अमीर बना दिया।
4. संघवाद बनाम एक राष्ट्र पर
राहुल गांधी: देश के आज दो विजन हैं। पहला कि यह राज्यों का संघ है। यानी यह राष्ट्र सहयोग से चलेगा। ये एक साझेदारी है। आप कभी भी अपने जीवन में तमिलनाडु के लोगों पर राज कर सकेंगे। आपकी जो भी कल्पनाएं हों, लेकिन आप लोग भारत के राज्य के लोगों पर शासन नहीं कर सकेंगे। ये कभी नहीं हुआ।
समस्या यह है कि आप लोग भ्रमित हैं। ये भाषाएं, उनका इतिहास, आपको लगता है कि आप उन्हें दबा सकते हैं। आपको पता नहीं है कि आप किस विचार से लड़ रहे हैं। क्योंकि तमिलनाडु के लोगों का विचार अपनी भाषा का विचार है। और यही उनका भारत का विचार है। केरल के लोगों का विचार अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ा है। उनका एक सम्मान और इतिहास है। राजस्थान के साथ भी परंपरा और जीने का तरीका है। ये एक फूलों के बुके की तरह है। ये हमारी ताकत है। मैं इन सब राज्यों के लोगों से सीखता हूं। मैं आप सबसे भी सीखता हूं और ये कोई मजाक नहीं है।
नरेंद्र मोदी: “तमिलनाडु में करीब 60 साल पहले आपको मौका मिला था। तेलंगाना बनाने का श्रेय लेते हैं, लेकिन तेलंगाना की जनता ने आपको स्वीकार नहीं किया। झारखंड को बने 20 साल हो गए, लेकिन वो आपको स्वीकारते नहीं हैं। आप पिछले दरवाजे से घुसते हैं। सवाल कांग्रेस के वोटों का नहीं है। सवाल उनकी नीयत का है। इतने बड़े लोकतंत्र में इतने सालों तक शासन में रहने के बाद भी देश की जनता उनको क्यों नकारती है।”
“यहां तमिल सेंटिमेंट को आग लगाने की भारी कोशिश की गई। कांग्रेस की जो परंपरा अंग्रेजों से विरासत में आई है। तोड़ो और राज करो, बांटो और राज करो। बांटो और राज करो ये कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। आज कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है। मैं आज सभी को याद दिलाना चाहूंगा कि कि जब हमारे सीडीएस जनरल रावत के चॉपर का एक्सिडेंट हुआ तब हमारे तमिल भाई-बहन घंटो तक इंतजार करती रहीं। जब सीडीएस रावत का शव वहां से निकल रहा था तो लोग आंखों में आंसू लेकर, वहां फूल बरसाकर नारे लगा रहे थे- वीर वणक्कम, वीर वणक्कम।”
5. मेक इन इंडिया पर
राहुल गांधी: “अगर सरकार अपने इन्फॉर्मल सेक्टर को बढ़ा देते, तो दो हिंदुस्तान नहीं बनते। लेकिन आपने असंगठित क्षेत्र को खत्म कर दिया। अगर आप उनकी मदद करते तो फिर उत्पादन क्षेत्र तैयार हो सकता था। मगर जो लोग आपका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना सकते थे, उन्हें आपने खत्म कर दिया है। आप मेड इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन मेड इन इंडिया हो ही नहीं सकता। आपने उन्हें परे कर दिया। स्मॉल-मीडियम इंडस्ट्री को खत्म कर दिया।
मैन्युफैक्चरिंग जॉब्स की बात करें, तो पिछले पांच साल में इसमें कमी आई है। आप एमएसएमई और छोटे उद्योगों को खत्म कर रहे हैं। दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, लेकिन हम यहां भाषण देते रहते हैं। न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया। जो गरीब हिंदुस्तान आप बना रहे हैं, ये मत सोचिए कि यह चुप बैठा रहेगा। ये चुप नहीं बैठेगा। इस हिंदुस्तान को सब दिख रहा है।
नरेंद्र मोदी: “जो सदस्य जमीन पर जाते हैं, वे इसके प्रभाव को देखते हैं। विपक्ष के कई साथी मुझे मिलते हैं, जो एमएसएमई के लिए हमारी योजनाओं की तारीफ करते हैं। वो कहते हैं कि मेक इन इंडिया हो ही नहीं सकता। उन्हें इसमें आनंद होता है। आप देश के खिलाफ क्यों बोलते हो। मेक इन इंडिया हो ही नहीं सकता। देश के आंत्रप्रेन्योर ने यह कर के दिखाया है और आप मजाक का विषय बन गए हो। मेक इन इंडिया की सफलता आपको कितना दर्द दे रही है, ये मै समझ पा रहा हूं। मेक इन इंडिया से कुछ लोगों को तकलीफ इस बात से है कि कमीशन के रास्ते बंद, इसका मतलब है भ्रष्टाचार के रास्ते बंद, इसका मतलब है तिजोरी भरने के रास्ते बंद। भारत के लोगों के सामर्थ्य को नजरअंदाज करना देश के युवाओं और उद्यमियों का अपमान है।