CBI Investigation: यूपी के सबसे बड़े बैंक लोन घोटाले को लेकर एक्शन में योगी सरकार, करा सकती है सीबीआई जांच


गाजियाबाद. योगी सरकार (Yogi Government) गाजियाबाद की चर्चित 400 करोड़ रुपये की बैंक लोन घोटाले (Ghaziabad Bank Loan Scam) की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप सकती है. इस संबंध में शासन ने गाजियाबाद जिला प्रशासन (District Administration) से रिपोर्ट तलब की है. बता दें कि गाजियाबाद में 400 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक घोटाले का मामला साल 2020 में सामने आया था. पिछले कुछ दिनों से यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में था. गाजियाबाद पुलिस ने लक्ष्य तंवर को मुख्य आरोपी बनाते हुए इस प्रकरण में जिले के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में लक्ष्य तंवर सहित कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर रखा है. तंवर पर धोखाधड़ी और जालसाजी के 39 मामले दर्ज हैं.

बता दें कि यह ऋण घोटाला अगस्त 2020 में सामने आया था, जब शिवम नामक व्यक्ति ने लक्ष्य तंवर, उसकी पत्नी प्रियंका तंवर, पीएनबी प्रबंधक कुमार, उप प्रबंधक प्रियदर्शनी और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ जीटी रोड कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में शिवम ने आरोप लगाया था कि तंवर ने उनके नाम पर 1.33 करोड़ रुपये की दो संपत्तियां खरीदी थीं और बैंक से चार करोड़ रुपये का कर्ज लिया.

CBI, loan scam in ghaziabad, CBI investigation, punjab national bank, pnb bank, ghaziabad news, ghaziabad police, up news, up crime news, uttar pradesh, loan case, सीबीआई जांच, लोन घोटाले की सीबीआई जांच, गाजियाबाद, गाजियाबाद पुलिस, पंजाब नेशनल बैंक, पीएनबी बैंक, यूपी न्यूज, यूपी क्राइम न्यूज, उत्तर प्रदेश, लोन केस, योगी सरकार,

गाजियाबाद में 400 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक घोटाले का मामला साल 2020 में सामने आया था. (फाइल फोटो)

यूपी सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर सकती है
गाजियाबाद पुलिस ने जांच पाया कि शिवम और उसके पिता सुनील कुमार के तंवर के साथ घनिष्ठ संबंध थे. पुलिस ने कहा कि शिवम ने खुद को और अपने पिता को बचाने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी, क्योंकि बैंक ने उन्हें ऋण राशि की वसूली के लिए नोटिस भेजना शुरू कर दिया था.

कब मामला सामने आया
पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि वर्ष 2012 में आरोपी लक्ष्य तंवर ने कई बैंकों के मैनेजर और कर्मचारियों से सांठगांठ कर फर्जी कागजात पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का बैंकों से लोन ले लिया. इस मामले में एक दर्जन से अधिक लोग आरोपी बनाए गए हैं. इसी प्रकरण को लेकर तंवर की करीब एक करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी प्रशासन जब्त कर चुका है.

Property in NCR's Ghaziabad will be expensive

जिले के डीएम आरके सिंह ने कहा है कि करोड़ों रुपये के इस घोटाले की तह तक जांच कराने की प्रशासन की मंशा है.

क्यों सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी?
वहीं, जिले के डीएम आरके सिंह ने कहा है कि करोड़ों रुपये के इस घोटाले की तह तक जांच कराने की प्रशासन की मंशा है. वैसे भी नियम है कि अगर घोटाला 5 करोड़ से ज्यादा का है तो जांच बड़ी एजेंसियों से कराई जाए. इसी के चलते जिला प्रशासन इस बैंक लोन घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजेगी.

ये भी पढ़ें: हाउस टैक्स के बाद गाजियाबाद में अब पांच गुना बढ़ जाएगा पार्किंग शुल्क, जानें प्रति घंटे गाड़ियों के रेट्स

इस साल मार्च महीने में ही गाजियाबाद पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक की ग्रेटर नोएडा शाखा के एक मुख्य प्रबंधक को लक्ष्य तंवर के साथ कथित मिलीभगत के आरोप में गिरफ्तार किया था. ऋण घोटाले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य प्रबंधक उत्कर्ष कुमार को ग्रेटर नोएडा में बैंक की शाखा से गिरफ्तार किया था. घोटाले के वक्त कुमार पीएनबी की चंद्रनगर शाखा में नियुक्त थे. तंवर विभिन्न बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेजों के आधार पर 400 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण जुटाने में कामयाब रहा था. इसके साथ पूर्व में बैंक के सहायक महाप्रबंधक रामनाथ मिश्रा और प्रबंधक प्रियदर्शनी को भी घोटाले में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.

Tags: Bank Loan, Bank scam, CBI, CBI investigation, Ghaziabad News, UP news updates, Yogi government



Source link

Enable Notifications OK No thanks