केंद्र की ट्विटर को आखिरी चेतावनी : आदेश नहीं माना तो हर ट्वीट के लिए कंपनी जिम्मेदार, छिनेगा इंटरमीडियरी दर्जा


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केंद्र सरकार ने ट्विटर को चार जुलाई तक की आखिरी समयसीमा देते हुए अब तक दिए अपने सभी आदेशों का अनुपालन करने को कहा है। साथ ही, चेताया कि ऐसा नहीं किया, तो वह अपना इंटरमीडियरी दर्जा खोने के लिए तैयार रहे। ऐसा हुआ तो कंपनी के प्लेटफॉर्म पर पोस्ट हो रही सभी सामग्री के लिए वह खुद जिम्मेदार होगी। गैरकानूनी सामग्री पोस्ट किए जाने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अब तक गैर-कानूनी सामग्री पोस्ट करने या वायरल करने पर केवल यूजर को जिम्मेदार माना जाता है। उसी पर कार्रवाई होती है। इंटरमीडियरी दर्जा जाने पर ट्विटर भी यूजर के साथ सह-अपराधी बनेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के 27 जून को भेजे नोटिस पर ट्विटर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस ट्वीट या खाते पर नोटिस भेजा गया।

आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत नोटिस
सूत्रों के अनुसार पूर्व में दिए नोटिसों में भी उसे देश के आईटी नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था। आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत कई अनुचित सामग्री हटाने के भी निर्देश दिए गए थे, जिन्हें कई दफा उसने नहीं हटाया।

सख्त शब्दों में कहा-भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
ट्विटर के मुख्य अनुपालना अधिकारी के नाम जारी नोटिस में मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा, ट्विटर को कई मौके दिए जा चुके हैं, लेकिन वह निर्देशों का उल्लंघन करता आ रहा है। यह आखिरी नोटिस है। इसके बाद भी निर्देशों का उल्लंघन जारी रहा तो आईटी एक्ट के तहत इसके गंभीर परिणाम उसे भुगतने होंगे। उसे 6 और 9 जून को भी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन उसने अनुपालना नहीं की।

यह है इंटरमीडियरी दर्जा
इंटरमीडियरी दर्जा आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिलता है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष द्वारा पोस्ट की गैर-कानूनी सामग्री के लिए भारत में काम कर रही सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई नहीं होती।
इसी वर्ष 26 जून को ट्विटर ने ब्लॉक खातों व ट्वीट की सूची जारी की थी।

पहले भी करनी पड़ी थी सख्ती

  • केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष जारी नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया कंपनियों को कहा था। उन्हें मई 2021 की समय-सीमा दी गई थी।
  • काफी सख्ती करने के बाद ट्विटर ने नियमों के तहत भारत में अपने शिकायत अधिकारी, अनुपालना अधिकारी और नोडल संपर्क अधिकारी तैनात किए थे। तब भी उसे इंटरमीडियरी का दर्जा खोने की चेतावनी दी गई थी।

विस्तार

केंद्र सरकार ने ट्विटर को चार जुलाई तक की आखिरी समयसीमा देते हुए अब तक दिए अपने सभी आदेशों का अनुपालन करने को कहा है। साथ ही, चेताया कि ऐसा नहीं किया, तो वह अपना इंटरमीडियरी दर्जा खोने के लिए तैयार रहे। ऐसा हुआ तो कंपनी के प्लेटफॉर्म पर पोस्ट हो रही सभी सामग्री के लिए वह खुद जिम्मेदार होगी। गैरकानूनी सामग्री पोस्ट किए जाने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अब तक गैर-कानूनी सामग्री पोस्ट करने या वायरल करने पर केवल यूजर को जिम्मेदार माना जाता है। उसी पर कार्रवाई होती है। इंटरमीडियरी दर्जा जाने पर ट्विटर भी यूजर के साथ सह-अपराधी बनेगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के 27 जून को भेजे नोटिस पर ट्विटर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस ट्वीट या खाते पर नोटिस भेजा गया।

आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत नोटिस

सूत्रों के अनुसार पूर्व में दिए नोटिसों में भी उसे देश के आईटी नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था। आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत कई अनुचित सामग्री हटाने के भी निर्देश दिए गए थे, जिन्हें कई दफा उसने नहीं हटाया।

सख्त शब्दों में कहा-भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

ट्विटर के मुख्य अनुपालना अधिकारी के नाम जारी नोटिस में मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा, ट्विटर को कई मौके दिए जा चुके हैं, लेकिन वह निर्देशों का उल्लंघन करता आ रहा है। यह आखिरी नोटिस है। इसके बाद भी निर्देशों का उल्लंघन जारी रहा तो आईटी एक्ट के तहत इसके गंभीर परिणाम उसे भुगतने होंगे। उसे 6 और 9 जून को भी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन उसने अनुपालना नहीं की।

यह है इंटरमीडियरी दर्जा

इंटरमीडियरी दर्जा आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिलता है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष द्वारा पोस्ट की गैर-कानूनी सामग्री के लिए भारत में काम कर रही सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई नहीं होती।

इसी वर्ष 26 जून को ट्विटर ने ब्लॉक खातों व ट्वीट की सूची जारी की थी।

पहले भी करनी पड़ी थी सख्ती

  • केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष जारी नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया कंपनियों को कहा था। उन्हें मई 2021 की समय-सीमा दी गई थी।
  • काफी सख्ती करने के बाद ट्विटर ने नियमों के तहत भारत में अपने शिकायत अधिकारी, अनुपालना अधिकारी और नोडल संपर्क अधिकारी तैनात किए थे। तब भी उसे इंटरमीडियरी का दर्जा खोने की चेतावनी दी गई थी।



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