नीति आयोग CEO की नजर में अगले 3 दशकों में 8-9 फीसदी विकास दर बरकरार रखना भारत के लिए चुनौती


नई दिल्‍ली. भारत के लिए अगले 3 दशकों में 8-9 फीसदी की विकास दर को बरकरार रखना बड़ी चुनौती है. यह कहना है नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का. उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था अब कोविड काल से बाहर आ गई है और अच्‍छा प्रदर्शन कर रही है. कोविड से निपटने में भारत के टीकाकरण अभियान ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.

पब्लिक अफेयर फोरम ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने कोविड-19 की चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है. अब भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था वापस पटरी पर लौट आई है. उनका कहना है कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अगले 3 दशकों में अपनी विकास दर को 8-9 फीसदी पर बरकरार रखना है.

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सरकार का काम नीतियां बनाना
नीति आयोग के सीईओ का कहना है कि भारत से गरीबी दूर करने में प्रति व्‍यक्ति आय महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करेगी. उन्‍होंने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना है. इन नीतियों के सहारे देश को निजी क्षेत्र के माध्‍यम से पूंजी निर्माण करना चाहिए. अमिताभ कांत का कहना है कि सरकार का मुख्‍य काम शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण के क्षेत्र में काम करना होना चाहिए. भारतीय निर्माताओं के लिए अब जरूरी है कि वो वैश्विक बाजारों और सप्‍लाई चेन का हिस्‍सा बनें. ऐसा करके ही वो अपना बिजनेस बढ़ाकर देश के विकास को गति देने में योगदान दे सकते हैं.

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मॉर्गन स्टेनली ने घटाया है ग्रोथ अनुमान
दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley)  ने 12 मई को भारतीय जीडीपी की ग्रोथ में अपने ही पुराने अनुमान में 30 आधार अंकों अथवा 0.30 फीसदी की कटौती कर दी थी. ब्रोकरेज के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में यह 7.6 फीसदी रह सकती है और 2024 में यह 6.7 फीसदी रहने की संभावना है.

मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि वैश्विक स्तर पर आई मंदी, तेल की बढ़ती कीमतें और कमजोर घरेलू मांग के चलते एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) के अनुसार, भारत में महंगाई में उछाल आया है, जिससे विकास प्रभावित हो रहा है. रूस-यूक्रेन संकट के कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं. और इसका असर ये है कि खुदरा महंगाई नई ऊंचाई पर पहुंच गई है.

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