Charak Shapath Controversy: चरक शपथ के मामले में हटाए गए डीन की हुई बहाली, छात्र संघ अध्यक्ष ने किया बचाव


सार

Charak Oath Controversy: सरकार द्वारा मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन की बहाली से पहले कॉलेज के छात्र संघ ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। इसमें छात्रसंघ के अध्यक्ष जोथिस कुमारवेल ने शपथ पत्र में बदलाव की बात स्वीकारी थी।

ख़बर सुनें

Charak Oath Controversy: तमिलनाडु के मदुरै मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह महर्षि चरक शपथ लेने पर राज्य में विवाद सामने आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कॉलेज के डीन डॉ रथिनवेल को पद से हटा दिया था। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने तमिलनाडु सरकार पर निशाना साधकर इसे राजनीतिक कदम बताया था। हालांकि, अब राज्य सरकार ने अपने फैसले को वापस लेते हुए मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन को वापस से बहाल कर दिया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने इस बात की जानकारी दी।

छात्र संघ ने अपने ऊपर लिया था इल्जाम
सरकार द्वारा मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन की बहाली से पहले कॉलेज के छात्र संघ ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। इसमें छात्रसंघ के अध्यक्ष जोथिस कुमारवेल ने शपथ पत्र में बदलाव की बात स्वीकारी थी। जोथिस ने कहा कि महर्षि चरक शपथ का पालन करने का उनका निर्णय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इसकी सिफारिश राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 31 मार्च को जारी अपने दिशा-निर्देशों में की थी। वह साल 2019 से ही एनएमसी की योग्यता-आधारित चिकित्सा शिक्षा का पालन कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने शपथ ग्रहण के दौरान भी एनएमसी  के दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्णय किया। इसलिए उन्होंने इंटरनेट से चरक शपथ को डाउनलोड किया और कार्यक्रम से एक या दो दिन पहले इसका संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद किया। इस बात की सूचना उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को नहीं दी थी। 

दबाव और राजनीतिक झुकाव की बात नकारी
कुमारवेल ने आगे कहा कि राज्य सरकार की ओर से नए छात्रों के लिए हिप्पोक्रेटिक शपथ को अनिवार्य बनाने संबंधी कोई भी स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है। हालांकि, इस घटना के बाद उन्हें चिकित्सा शिक्षा निदेशक नारायण बाबू से हिप्पोक्रेटिक शपथ पर बने रहने के निर्देश मिले हैं। ये निर्देश राज्य भर के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी भेजे गए हैं। कुमारवेल का साथ देने वाले छात्रों ने भी कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उनके इस कदम से विवाद पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह काम किसी दबाव और राजनीतिक झुकाव के कारण नहीं किया गया था।  तमिलनाडु सरकार ने पूरी घटना के विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

क्यों हुआ विवाद?
शनिवार को आयोजित कॉलेज के प्रवेश समारोह (white coat ceremony) के दौरान छात्रों ने महर्षि चरक शपथ ली थी। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके ठीक बाद कॉलेज के डीन ए रथिनवेल को उनके पद से हटाकर उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया था। राज्य सरकार के इस कदम पर भाजपा ने निशाना साधा था और इसे राजनीतिक कदम बताया था। वहीं, कई ने इस घटना का विरोध करते हुए चरक शपथ को प्रतिगामी बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चिकित्सा शिक्षा का भगवाकरण करने का प्रयास कर रही है।

सरकार के मंत्री थे मौजूद
मदुरै मेडिकल कॉलेज के प्रवेश समारोह में राज्य के वित्त मंत्री पीटीआर पलानीवेल थियागा राजन और वाणिज्यिक कर मंत्री पी मूर्ति भी मौजूद थे। उन्होंने चरक शपथ पर तुरंत आपत्ति जताई थी। राजन ने सोशल मीडिया पर चरक शपथ की एक प्रति भी साझा की है जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई है। इस शपथ में लिखा है – मैं (विशेष रूप से एक पुरुष चिकित्सक) एक महिला का इलाज उसके पति या किसी करीबी रिश्तेदार की उपस्थिति में ही करूंगा।

क्या है चरक शपथ?
चरक संहिता, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्वति के सर्वोच्च ग्रंथ आयुर्वेद का एक पाठ है। संस्कृत भाषा में उपलब्ध इस पाठ के अंश से ही महर्षि चरक शपथ तैयार की गई है। जबकि हिप्पोक्रेटिक शपथ, प्राचीन यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स से प्रेरित थी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बीते 31 मार्च को हिप्पोक्रेटिक शपथ को महर्षि चरक शपथ से बदलने की सिफारिश की थी। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में संसद में कहा था कि महर्षि चरक शपथ वैकल्पिक होगी और मेडिकल छात्रों पर जबरदस्ती नहीं थोपी जाएगी। 

विस्तार

Charak Oath Controversy: तमिलनाडु के मदुरै मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह महर्षि चरक शपथ लेने पर राज्य में विवाद सामने आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कॉलेज के डीन डॉ रथिनवेल को पद से हटा दिया था। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने तमिलनाडु सरकार पर निशाना साधकर इसे राजनीतिक कदम बताया था। हालांकि, अब राज्य सरकार ने अपने फैसले को वापस लेते हुए मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन को वापस से बहाल कर दिया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने इस बात की जानकारी दी।



Source link

Enable Notifications OK No thanks