Chhattisgarh: मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक छोड़ी, सीएम बघेल से अनबन की अटकलें तेज


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छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने रायपुर में सीएम भूपेश बघेल के आवास पर हो रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक छोड़ दी है। इसके बाद सीएम बघेल और सिंहदेव के बीच अनबन की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब दोनों दिग्गज नेताओं के बीच अनबन की खबरें आई हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने चार पेज की चिट्ठी के जरिए पंचायती विभाग छोड़ने का एलान किया था। हालांकि, जब सीएम भूपेश बघेल से सिंह देव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक इस्तीफा नहीं मिला है।

चार पन्ने के इस्तीफे के बाद से ही सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। कई लोगों का कहना था कि उन्हें सरकार में दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि, वह अन्य चार मंत्रालयों का पदभार संभालते रहेंगे। सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को सौंपे चार पन्नों के इस्तीफे में विभाग और सरकार के कामकाज पर असंतोष जाहिर किया था।

सिंहदेव ने कहा था कि मैं पिछले तीन साल से अधिक समय से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भारसाधक मंत्री के रूप में काम कर रहा हूं। इस दौरान कुछ ऐसी परिस्थितियां बनीं, जिनसे मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के आवास विहीन लोगों को मकान बनाकर दिया जाना था, जिसके लिए मैंने कई बार आपसे चर्चा कर राशि आवंटित करने का अनुरोध किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस कारण राज्य के करीब आठ लाख लोगों के लिए मकान नहीं बन सके। मुझे दुःख है कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आवास विहीन लोगों को नहीं मिल सका।

इस बीच सीएम बघेल ने आज ही राज्य विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर होनी थी। इसमें 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और 20 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के मानसून सत्र पर चर्चा होनी थी। पार्टी के एक नेता ने बताया था कि बैठक में सिंहदेव के एक विभाग से इस्तीफा देने के बाद की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है।

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छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने रायपुर में सीएम भूपेश बघेल के आवास पर हो रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक छोड़ दी है। इसके बाद सीएम बघेल और सिंहदेव के बीच अनबन की अटकलों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब दोनों दिग्गज नेताओं के बीच अनबन की खबरें आई हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने चार पेज की चिट्ठी के जरिए पंचायती विभाग छोड़ने का एलान किया था। हालांकि, जब सीएम भूपेश बघेल से सिंह देव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक इस्तीफा नहीं मिला है।

चार पन्ने के इस्तीफे के बाद से ही सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। कई लोगों का कहना था कि उन्हें सरकार में दरकिनार किया जा रहा है। हालांकि, वह अन्य चार मंत्रालयों का पदभार संभालते रहेंगे। सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को सौंपे चार पन्नों के इस्तीफे में विभाग और सरकार के कामकाज पर असंतोष जाहिर किया था।

सिंहदेव ने कहा था कि मैं पिछले तीन साल से अधिक समय से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भारसाधक मंत्री के रूप में काम कर रहा हूं। इस दौरान कुछ ऐसी परिस्थितियां बनीं, जिनसे मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के आवास विहीन लोगों को मकान बनाकर दिया जाना था, जिसके लिए मैंने कई बार आपसे चर्चा कर राशि आवंटित करने का अनुरोध किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस कारण राज्य के करीब आठ लाख लोगों के लिए मकान नहीं बन सके। मुझे दुःख है कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आवास विहीन लोगों को नहीं मिल सका।

इस बीच सीएम बघेल ने आज ही राज्य विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर होनी थी। इसमें 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और 20 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के मानसून सत्र पर चर्चा होनी थी। पार्टी के एक नेता ने बताया था कि बैठक में सिंहदेव के एक विभाग से इस्तीफा देने के बाद की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है।



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