चीन के मंत्रालय के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का नाम चाइना फुयान अंग्रेजी में- कंपाउंड आई है और इस प्रोजेक्ट को बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी लीड कर रहा है। सिग्नल बाउंसिंग के लिए चुने गए एस्टरॉयड पृथ्वी से 93 मिलियन मील (150 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर मौजूद रहेंगे।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट के तहत दो एंटीना दक्षिणी चीन के चोंगकिंग में एक साइट पर बनाए गए हैं। सितंबर में इन्हें टेस्ट किया जाएगा। टेस्टिंग सफल रहती है, तो उसके बाद इन्हें शुरू कर दिया जाएगा। एंटीना का व्यास 82 से 98 फीट होगा।
बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के प्रेसिडेंट लॉन्ग टेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह प्रोजेक्ट देश की उन जरूरतों को पूरा करेगा, जिनमें पृथ्वी के नजदीकी इलाके की सुरक्षा और एस्टरॉयड के निर्माण से जुड़े शोध शामिल हैं। रिसर्चर ने कहा कि यह सिस्टम को पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों और मलबे को ट्रैक करने के लिए भी लागू किया जा सकता है।
इसके अलावा, अप्रैल में ग्लोबल टाइम्स ने बताया था कि देश की अंतरिक्ष एजेंसी एक नया मॉनिटरिंग और डिफेंस सिस्टम विकसित कर रही है। इसकी टेस्टिंग जानबूझकर एक अंतरिक्ष यान को एस्टरॉयड के साथ दुर्घटनाग्रस्त करके की जाएगी। रिपोर्टों में आगे कहा गया है कि नया मिशन 2025 की शुरुआत में एक खतरनाक एस्टरॉयड की कक्षा बदलने और उस पर अटैक करने के लिए लॉन्च किया जाएगा।
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