सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह पर उतरने की तैयारी कर रहा चीन!


सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह के लिए चीन बड़े मिशन की तैयारी कर रहा है। हमारे सौरमंडल के सूर्य से दूसरे नम्बर पर स्थित यह ग्रह सबसे चमकीले ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, जिस पर अब चीन अपने नए मिशन को भेजना चाहता है। शुक्र ग्रह पर जाने के लिए चीन ने इसके लिए मिशन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। शुक्र के वातावरण में जो केमिकल प्रक्रिया चलती हैं, उनका पता लगाने से लेकर ग्रह के बनने की प्रक्रिया तक को चीन इस मिशन के माध्यम से जानने की कोशिश करेगा। 

चीन शुक्र ग्रह के लिए जो नया मिशन तैयार कर रहा है, उसे वीनस वोल्केनो इमेजिंग एंड क्लाइमेट एक्सप्लोरर (VOICE) नाम दिया गया है। इस मिशन को चीन 2026 में लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि चीन 2027 में शुक्र पर कदम रख चुका होगा। नेशनल स्पेस साइंस सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया है,  इसके लिए जो स्पेसक्राफ्ट तैयार किया जा रहा है वह सर्कुलर पोलर ऑर्बिट में 350 किलोमीटर के एल्टीट्यूड पर घूमेगा, यानि शुक्र की सतह से 350 किलोमीटर ऊपर उड़ता हुआ यह ग्रह पर होने वाली थर्मल और केमिकल प्रोसेस का पता लगाएगा। यह वातावरण और ग्रह की सतह के बीच में चलने वाली प्रक्रियाओं का भी पता लगाएगा। साथ ही शुक्र पर जीवन की संभावनाओं को भी तलाशेगा।  

इसके अंदर जो साइंस इंस्ट्रूमेंट्स इस्तेमाल होंगे उनमें एक एस-बैंड पोलरीमीट्रिक सिंथेटिक अपर्चर रडार होगा। यह रडार शुक्र के वातावरण में मौजूद बादलों के पार देख सकेगा और सतह की मैपिंग कर सकेगा। इसके अलावा मिशन में एक मल्टीस्पेट्रल इमेजर भी ले जाया जाएगा जो ग्रह की निगरानी अल्ट्रावॉइलेट, विजिबल और नियर इंफ्रारेड वेवलेंथ में भी करने में सक्षम होगा। 

चीन का यह मिशन इसके चांद मिशन और प्लेनेट एक्सप्लोरेशन मिशन से अलग है जिसे चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन चला रहा है। इसमें वर्तमान में चल रहा ताइवान 1 मंगल मिशन और इसके बाद प्लान किया गया ताइवान 2 नियर अर्थ एस्ट्रॉयड मिशन व मंगल सैंपल रिटर्न मिशन शामिल है। हालांकि अभी तक ये तय नहीं किया गया है कि मिशन का बजट कितना होगा और इसमें किन किन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। 

सितंबर 2020 में शुक्र ग्रह जीवन की खोज के लिए गर्म विषय बन गया था। दरअसल 2020 में सितंबर में शुक्र ग्रह के वातावरण में एक ऐसे केमिकल का पता चला था जो कि पृथ्वी पर जीवन के पनपने से जुड़ा हुआ है। इस केमिकल को फॉस्फीन कहा जाता है। इसी के चलते नासा भी शुक्र के लिए तीन मिशन घोषित कर चुका है। यह कहा जा सकता है कि धरती के करीब के दोनों ग्रहों, मंगल और शुक्र पर जीवन की संभावना तलाशने में अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक जोर शोर से जुट गए हैं। 

 

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