सीआईआई के प्रेसीडेंट ने बताया किस पर लगाम लगने से भारत हासिल करेगा 8 फीसदी की ग्रोथ रेट


नई दिल्ली. क्रूड ऑयल की कीमत अगर 90-110 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहती है तो भारत इस साल 8 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर सकता है. ऐसा कहना है सीआईआई (कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री) के प्रेसीडेंट संजीव बजाज का. बकौल बजाज, सीएनबीसी से बातचीत में कहा कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यस्था की स्थिति बेहतर है.

उन्होंने कहा कि महंगाई फिलहाल काबू में है लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए आरबीआई नीतिगत दरों में आगे भी वृद्धि कर सकता है. बकौल बजाज, आरबीआई ने कोविड-19 के दौरान ब्याज दरों को काफी घटा दिया था और मौजूदा ब्याज दरें अब भी महामारी पूर्व स्तर से नीचे हैं. उन्होंने कहा कि आरबीआई और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से महंगाई में कमी आई है.

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जीएसटी दरों को सरल बनाया जाए
उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन बताता है कि यह एक सफल रिफॉर्म था. उन्होंने सुझाव दिया कि आगे इनवर्टेड ड्यूटी में सुधार और जीएसटी दरों को सरल बनाए जाना चाहिए. बकौल बजाज, जीएसटी के जरिए केंद्र और राज्यों के बीच को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म का काफी मजबूत मॉडल देखने को मिला. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इंडस्ट्री के समर्थन के लिए बेहतर और त्वरित फैसले लिए गए.

क्रूड, मॉनसून और ग्रोथ
संजीव बजाज ने कहा कि अगर क्रूड ऑयल की कीमत 90-110 डॉलर प्रति बैरल के बीच रही और मॉनसून अच्छा रहा तो भारत इस साल 7.4 से 8.2 फीसदी की ग्रोथ देख सकता है. महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि संजीव बजाज ने कहा कि आरबीआई और केंद्र सरकार ने जो कदम उठाए उससे महंगाई में कमी आई है. उन्होंने कहा कि भारत के मुकाबले पश्चिमी देश अधिक प्रभावित हुए हैं क्योंकि पिछले 2 साल में उन्होंने अपने बाजारों में बहुत पैसा डाला था जबकि भारत इस मामले में संयमित रहा था. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखकर फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल लग रहा है.

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इंफ्रा पर निवेश जारी रहे
बजाज ने कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश जारी रखना बेहद जरूरी है. इसे जारी रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए निजीकरण, एसेट मॉनेटाइजेशन और टैक्स कलेक्शन से पैसा जुटाना चाहिए.

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