Haryana: हिसार में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प, एक किसान की मौत, तीन पुलिसकर्मी समेत 12 घायल, राख पर हुआ विवाद


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हरियाणा के हिसार में गांव खेदड़ की गोशाला को दी जाने वाली राख का उठान बंद करने के विवाद में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की रेलवे ट्रैक जाम करने जा रहे किसानों-ग्रामीणों की शुक्रवार को पुलिस के साथ झड़प हो गई। इस टकराव में गांव खेदड़ निवासी 56 वर्षीय किसान धर्मपाल की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग घायल हैं। 

धर्मपाल की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। शव को डीएसपी की मौजूदगी में अग्रोहा मेडिकल के शव गृह में रखवा दिया गया है। चार युवकों को हिरासत में लिया गया है। तनाव की स्थिति बनी हुई है।
 

क्यों ट्रैक जाम करना चाहते थे ग्रामीण

पावर प्लांट की राख का उठान बंद करने को लेकर किसान 86 दिन से धरना दे रहे हैं। पूर्व घोषणा के अनुसार गांव खेदड़ में थर्मल पावर प्लांट के गेट के सामने धरने पर बैठे संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने महापंचायत कर 30 जून को प्रशासन को आठ दिन में समस्या का समाधान करने के लिए समय दिया था। शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक रोकना था, इसको लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही मुस्तैद था। 

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के समझाने के बाद भी दोपहर तीन बजे धरनारत किसान रेलवे ट्रैक की तरफ चल पड़े। पुलिस ने दो लेयर की सुरक्षा व्यवस्था कर बैरिकेड्स लगा रखे थे। किसानों ने जिला उपायुक्त के साथ 10 मिनट में बातचीत करवाने की बात कही गई। आधा घंटा बीत जाने के बाद भी उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी नहीं पहुंचीं तो आंदोलनकारी ट्रैक्टरों से बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। 

उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां बरसाईं। पानी की बौछारें व आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों में शामिल एक व्यक्ति ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की, जिसमें तीन पुलिस कर्मचारियों और एक नागरिक को गंभीर चोट आईं। 

25 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग
मामला गरमाने पर जिला पुलिस कप्तान लोकेंद्र सिंह और जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने संघर्ष कमेटी के पास संदेश भिजवाया कि उनके साथ एक वार्ता की जानी आवश्यक है। इस पर खेदड़ गोशाला संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि पुलिस झड़प में घायल व लापता साथियों की उन्हें अभी पूरी जानकारी नहीं है। ऐसे में प्रशासन के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। 

मृतक धर्मपाल के परिजनों को 25 लाख मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी नहीं दिए जाने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। संघर्ष समिति के सदस्यों का आरोप है कि धर्मपाल के शव पुलिस कहां लेकर गई यह भी पता नहीं हैं। पुलिस शव के साथ छेड़छाड़ कर सकती है, इसलिए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाई जाए। देर शाम तक संघर्ष समिति के सदस्यों की गांव की गोशाला में एक बैठक चल रही थी। 

यह है राख का विवाद
खेदड़ थर्मल प्लांट से निकलने वाली राख को अब तक इस गांव के लोग ही उपयोग करते रहे हैं। राख को आसपास के ईंट भट्ठों को बेचकर मिलने वाले पैसे का उपयोग गोशाला को चलाने के लिए किया जाता है। अब केंद्र सरकार ने सभी थर्मल प्लांट की राख का ऑनलाइन टेंडर निकालकर इसे बेचने के आदेश दिए हैं। इसके विरोध में किसान और ग्रामीण 86 दिन से धरना दे रहे हैं। 30 जून को चेतावनी दी थी कि मांगें न मानी गईं तो आठ जुलाई को रेलवे ट्रैक जाम किया जाएगा। जिस ट्रैक से थर्मल प्लांट को कोयला आता है उस पर पड़ाव डाला जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़ा
पुलिस टीम जिला उपायुक्त के आने का इंतजार कर रही थी। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने बिना किसी पूर्व सूचना के ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़ दिया। ट्रैक्टर की चपेट में आने से एक नागरिक और तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। पुलिस ने संयम बरता। स्थिति बेकाबू होती देख वाटर कैनन और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।  – लोकेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक।

दिन भर यूं चला घटनाक्रम

  • सुबह 8 बजे: पुलिस थर्मल प्लांट के विभिन्न हिस्सों पर पहुंची व बैरिकेड्स लगाए
  • सुबह 10 बजे: धरना स्थल पर आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी 
  • दोपहर 1:15 बजे: धरने को वक्ताओं ने संबोधित किया 
  • 1:15 बजे से 2 बजे: आंदोलनकारियों और अधिकारियों के बीच बातचीत चली 
  • दोपहर बाद 2 बजे से 2:40 तक: संघर्ष कमेटी की एक पंचायत हुई, जिसमें ट्रैक पर बैठने का निर्णय लिया गया
  • दोपहर बाद 2:40: रेलवे ट्रैक पर बैठने के लिए धरनारत लोग रेलवे ट्रैक की ओर चले 
  • दोपहर बाद 2:45: पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पर ग्रामीणों को रोका गया 
  • दोपहर बाद 3:39 बजे: आंदोलनकारियों ने जिला उपायुक्त के पहुंचने का इंतजार किया लेकिन उपायुक्त के वहां न पहुंचने पर आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। 
  • शाम 3:58 बजे: जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी मौके पर पहुंचीं

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हरियाणा के हिसार में गांव खेदड़ की गोशाला को दी जाने वाली राख का उठान बंद करने के विवाद में राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की रेलवे ट्रैक जाम करने जा रहे किसानों-ग्रामीणों की शुक्रवार को पुलिस के साथ झड़प हो गई। इस टकराव में गांव खेदड़ निवासी 56 वर्षीय किसान धर्मपाल की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग घायल हैं। 

धर्मपाल की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। शव को डीएसपी की मौजूदगी में अग्रोहा मेडिकल के शव गृह में रखवा दिया गया है। चार युवकों को हिरासत में लिया गया है। तनाव की स्थिति बनी हुई है।

 

क्यों ट्रैक जाम करना चाहते थे ग्रामीण

पावर प्लांट की राख का उठान बंद करने को लेकर किसान 86 दिन से धरना दे रहे हैं। पूर्व घोषणा के अनुसार गांव खेदड़ में थर्मल पावर प्लांट के गेट के सामने धरने पर बैठे संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने महापंचायत कर 30 जून को प्रशासन को आठ दिन में समस्या का समाधान करने के लिए समय दिया था। शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक रोकना था, इसको लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही मुस्तैद था। 

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के समझाने के बाद भी दोपहर तीन बजे धरनारत किसान रेलवे ट्रैक की तरफ चल पड़े। पुलिस ने दो लेयर की सुरक्षा व्यवस्था कर बैरिकेड्स लगा रखे थे। किसानों ने जिला उपायुक्त के साथ 10 मिनट में बातचीत करवाने की बात कही गई। आधा घंटा बीत जाने के बाद भी उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी नहीं पहुंचीं तो आंदोलनकारी ट्रैक्टरों से बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। 



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