Risk of Premature Birth From Climate Change : जलवायु संकट यानी क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के कारण दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा तापमान कोख में पल रहे बच्चों के लिए खतरनाक है. तेजी से बढ़ते तापमान के कारण प्रीमैच्योर बर्थ यानी समयपूर्व जन्म (Premature Birth) का खतरा अधिक होने के साथ छोटे बच्चों में बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने और तेजी से वजन बढ़ने जैसी तकलीफें देखने को मिली हैं. साइंटिस्टों ने 6 अलग-अलग स्टडीज में ये दावा किया है कि तापमान में तेजी से बढ़ोतरी के कारण, भ्रूण, नवजातों और शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ रहा है. पीडियाट्रिक एंड पेरिनेटल एपिडेमियोलॉजी (Pediatric and Perinatal Epidemiology) जर्नल के स्पेशल एडिशन में इस स्टडी के निष्कर्षों को प्रकाशित किया गया है.
इस जर्नल के गेस्ट एडिटर और बोस्टन यूनिवर्सिटी में एनवायरमेंटल हेल्थ के प्रोफेसर ग्रेगरी वेलेनियस (Gregory A. Wellenius) और रिसर्चर अमेलिया वेसेलिंक (Amelia K. Wesselink) का कहना है कि स्टडी से मिले साक्ष्यों से स्पष्ट है कि ज्यादा तेजी से बढ़ रही गर्मी, तूफान और जंगलों की आग के कारण पैदा हो रहे धुएं से समयपूर्व जन्म और बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों का खतरा बढ़ रहा है.
10 लाख प्रेग्नेंट महिलाओं की निगरानी
समय से पहले जन्म के 16 फीसदी मामले उन क्षेत्रों में हुए जहां गर्भी ज्यादा रही है, ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स जहां तापमान ज्यादा रहता है वहां साल 2014 से 2015 के बीच 10 लाख प्रेग्नेंट महिलाओं की निगरानी के बाद रिसर्चर्स इस नतीजे पर पहुंचे हैं. उन्होंने यह भी पाया कि प्रेग्नेंट महिलाएं जो प्रेग्नेंसी के दौरान सिगरेट पीती हैं और जिन्हें पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उनमें समय से पहले जन्म का जोखिम और भी अधिक था, क्योंकि उन स्थितियों में कंबाइंड हीट प्रेग्नेंट महिला को गर्मी के प्रभावों के प्रति “संभावित रूप से अधिक संवेदनशील” बनाती है.
यह भी पढ़ें-
Heart Disease: कार्डियोवस्कुलर डिजीज से बचने के लिए कैसी हो हमारी ‘खाने की थाली’
अमेरिका की स्थिति
साइंटिस्टों के अनुसार, साल 2007 से 2011 के बीच अमेरिका टेक्सास में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली है. हीटवेव के संपर्क में आने के बाद अत्याधिक गर्मी वाले तापमान के कारण यहां समयपूर्व जन्म का खतरा 15 फीसदी रहता है. इसके अलावा जन्म के बाद बच्चों में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें भी देखने को मिली हैं. आपको बता दें कि अमेरिका में पिछले दो दशक में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं.
यह भी पढ़ें-
तो क्या इस साल खत्म हो जाएगी कोरोना की दुश्वारियां, डब्ल्यूएचओ ने दिए संकेत
तेजी से वजन बढ़ने की समस्या
इस जर्नल में प्रकाशित एक और रिपोर्ट में साइंटिस्टों ने इजरायल में जन्में दो लाख बच्चों का विश्लेषण किया है. इसमें जन्म के पहले साल में अत्याधिक तापमान और वजन बढ़ने का संबंध मिला है. इसमें 20 फीसदी बच्चे रात के तापमान के संपर्क में आए जिसमें पांच फीसदी में तेजी से वजन बढ़ने की तकलीफ दिखी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Child Care, Climate Change, Health, Health News, Lifestyle