हड्डियों और जोड़ों की तकलीफों में सर्जरी से ज्यादा एक्सरसाइज से फायदा – स्टडी


Exercise benefits more than bone and joint surgery : घुटनों या जोड़ों का दर्द (Knee and Joint Pain) किसी को भी बेचैन कर सकता है और कई बार ये तकलीफ लंबे समय तक बनी रहती है. घुटनों में दर्द किसी चोट (Injury) लगने के कारण या फिर कई रोगों के कारण हो सकता है जैसे गठिया, गाउट आदि. इन दिनों घुटनों और हिप बदलने सहित हड्डियों की कई तकलीफों में सर्जरी कराने का चलन सामान्य हो गया है. इनमें खर्च ज्यादा होता है. और रिस्क भी ज्यादा होता है. कई बार तो ऑपरेशन के बाद पूरी तरह फिट होने में हफ्तों या महीनों लग जाते हैं. एक रिव्यू में पाया गया है कि इनमें से कई तरह की सर्जरी कामयाब होने के सबूत भी ट्रायल में नहीं मिले हैं. यहां तक की जब सर्जरी प्रभावी नजर आई, तो समीक्षा में सामने आया कि ये बिना सर्जरी के इलाज से बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है. कई मामलों में तो सर्जरी एक्सरसाइज, फिजियोथैरेपी और दवाइयों के इलाज जैसे विकल्पों से अधिक असरकारी नहीं रही.

दैनिक भास्कर अखबार ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी न्यूज रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि ब्रिटिश रिसर्चर्स ने घुटने, हिप. कंधे स्पाइन और कलाई सहित 10 आम आर्थोपेडिक ऑपरेशनों की स्टडीज पर गौर किया है. उन्होंने पाया कि घुटना बदलने सहित अन्य सर्जरी से अधिक फायदेमंद दूसरे इलाज हैं. 6 अन्य किस्म की आम सर्जरी की स्टडी में सामने आया कि एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल करने, फिजियोथेरेपी और दवाइयों से इलाज ज्यादा कारगर है.

क्या कहते हैं जानकार 
इंग्लैंड की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में आर्थोपेडिक सर्जरी के प्रोफेसर (Professor of Orthopaedic Surgery) डॉ एशले ब्लोम (Professor Ashley W Blom) कहते हैं, हमारी स्टडी नहीं दर्शाती कि इन ऑपरेशन्स से मरीज बेहतर होते हैं.

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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सेन-फ्रैंसिस्को में आर्थोपेडिक सर्जरी के प्रोफेसर डॉ साम मोर्शेद (Saam Morshed) का कहना है, हमें स्वयं और कुछ ऑपरेशनों के असर की जांच पड़ताल करनी चाहिए, इसके साथ समझना जरूरी है कि किसी इलाज को सही ठहराने वाले ट्रायल का अर्थ नहीं है कि वह इलाज प्रभावी नहीं है. वे कहते हैं, हिप सर्जरी एक अच्छा उदाहरण है. हिप सर्जरी पर कोई ट्रायल नहीं हुआ है लेकिन गैर सर्जिकल उपचारों की तुलना में उनके प्रभावी होने के सबूत मिले हैं.

सर्जरी और गैर सर्जिकल इलाज में एकसमान सुधार 
अमेरिका में घुटने के अंदरूनी लिगामेंट या एसीएल (inner ligament or ACL) के इलाज का आर्थोस्कोपिक ऑपरेशन (arthroscopic operation) बहुत सामान्य है. इस तरह की चोट खिलाड़ियों को अधिक लगती है. कुछ स्टडीज में इनकी सफलता दर 97 प्रतिशत तक पाई गई. लेकिन जब गैर सर्जिकल उपचारों (non surgical treatments) से ऑपरेशन की तुलना की गई, तो दोनों तरह के इलाज में दर्द में बहुत कम अंतर मिला.

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कंधे के जोड़ में लगी मसल्स के रोटेटर कफ ऑपरेशनों की समीक्षा में रिसर्चर्स ने पाया कि एक्सरसाइज, स्टेरॉयड इंजेक्शनों के इलाज और सर्जरी से दर्द, कंधे की हलचल या मरीज को राहत के मामले में कोई अंतर नहीं है. रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में डिस्क की समस्या के ऑपरेशनों के तीन विश्लेषणों में सामने आया कि सर्जरी और गैर सर्जिकल इलाज में एकसमान सुधार हुआ है.

Tags: Health, Health News, Lifestyle

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