संकट: यूक्रेन में कितने न्यूक्लियर प्लांट, जपोरिजिया में आग के बाद पावर सप्लाई पर कितना असर?


सार

जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट में आग लगने के बाद अधिकारियों ने बताया कि प्लांट के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और रेडिएशन का स्तर भी सामान्य है। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस पर परमाणु आतंक का सहारा लेने का आरोप लगाया।

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रूस के ताबड़तोड़ हमलों में अब यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट भी निशाना बन रहे हैं। शुक्रवार (चार मार्च) सुबह रूस की गोलीबारी से यूक्रेन के जपोरिजिया पावर प्लांट में आग लग गई, जिसके बाद पूरी दुनिया में दहशत का आलम है। दरअसल, यहां से परमाणु विकिरण फैलने की आशंका बढ़ गई है। साथ ही, यूक्रेन में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। इसके अलावा यूक्रेन का दावा है कि जपोरिजिया पावर प्लांट पर रूस ने कब्जा भी कर लिया है।  इस स्पेशल रिपोर्ट में हम जानते हैं कि यूक्रेन में कुल कितने पावर प्लांट हैं? उनमें से कितने काम कर रहे हैं और कितनी बिजली सप्लाई कर रहे हैं। वहीं, जपोरिजिया पावर प्लांट में आग लगने से यूक्रेन के लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में कुल चार न्यूक्लियर प्लांट जपोरिजिया, रिवन, खमलनेत्स्की और दक्षिण यूक्रेन में हैं, जिनसे 15 न्यूक्लियर रिएक्टर संचालित होते हैं। एक फरवरी को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के सभी न्यूक्लियर रिएक्टर काम कर रहे थे और इलेक्ट्रिकल ग्रिड को पावर सप्लाई कर रहे थे। हालांकि, रूस के हमले के बाद 15 में से छह न्यूक्लियर रिएक्टर ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे यूक्रेन में बिजली आपूर्ति में भारी कमी आ गई थी। वहीं, खारकीव, ओडेसा, क्रीमिया और चेयेरियन में न्यूक्लियर प्लांट निर्माणाधीन हैं। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में परमाणु विश्लेषक जेम्स एम. एस्टन ने बताया कि सामान्य रूप से न्यूक्लियर प्लांट्स को वॉर जोन की तरह तैयार नहीं किया जाता है। यही वजह है कि रूस के हमले की वजह से यूक्रेन के न्यूक्लियर रिएक्टर लगातार निशाना बन रहे हैं।

गौरतलब है कि रूस लगातार यूक्रेन के ऊर्जा उत्पादक शहरों को निशाना बना रहा है। सबसे रूसी सेनाओं ने चर्नोबिल प्लांट पर धावा बोला था और उस पर कब्जा कर लिया था। हालांकि, यह प्लांट काफी समय से बंद पड़ा था। इसके बाद शुक्रवार सुबह जपोरिजिया प्लांट पर हमला किया गया, जिससे वहां आग लग गई। रूस की सेना ने इस पर भी कब्जा कर लिया है। इसके अलावा रूसी सेना ने ओडेसा और मारियोपोल शहरों को भी अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया है। इन दोनों शहरों में यूक्रेन का एक चौथाई बिजली उत्पादन होता है। 

जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट में आग लगने के बाद अधिकारियों ने बताया कि प्लांट के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और रेडिएशन का स्तर भी सामान्य है। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस पर परमाणु आतंक का सहारा लेने का आरोप लगाया। साथ ही, कहा कि पुतिन 1986 के चर्नोबिल हादसे को दोहराना चाहते हैं। अगर वहां धमाका होता है तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। यूरोप खत्म हो जाएगा। 

बता दें कि जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट यूक्रेन की राजधानी कीव के दक्षिण-पूर्व में 550 किलोमीटर दूर स्थित है, जो यूक्रेन की कुल जरूरत की एक चौथाई बिजली की सप्लाई करता है। जानकारी के मुताबिक, रूसी सेनाओं ने जपोरिजिया प्लांट पर शुक्रवार सुबह गोलीबारी की, जिससे वहां आग लग गई। इस प्लांट का निर्माण 1984 से 1995 के बीच हुआ था। यह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट है, जो दुनिया में नौवें नंबर पर है। इस प्लांट में कुल छह रिएक्टर हैं, जो कुल 5700 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति करते हैं। यानी कि एक रिएक्टर से 950 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति होती है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस पावर प्लांट से पूरे यूक्रेन के लगभग 40 लाख घरों में बिजली आपूर्ति होती है। सामान्य समय में यह प्लांट यूक्रेन की बिजली आपूर्ति का पांचवां हिस्सा और देश की परमाणु ऊर्जा सुविधाओं से उत्पन्न होने वाली लगभग आधी ऊर्जा का उत्पादन करता है।

विस्तार

रूस के ताबड़तोड़ हमलों में अब यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट भी निशाना बन रहे हैं। शुक्रवार (चार मार्च) सुबह रूस की गोलीबारी से यूक्रेन के जपोरिजिया पावर प्लांट में आग लग गई, जिसके बाद पूरी दुनिया में दहशत का आलम है। दरअसल, यहां से परमाणु विकिरण फैलने की आशंका बढ़ गई है। साथ ही, यूक्रेन में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। इसके अलावा यूक्रेन का दावा है कि जपोरिजिया पावर प्लांट पर रूस ने कब्जा भी कर लिया है।  इस स्पेशल रिपोर्ट में हम जानते हैं कि यूक्रेन में कुल कितने पावर प्लांट हैं? उनमें से कितने काम कर रहे हैं और कितनी बिजली सप्लाई कर रहे हैं। वहीं, जपोरिजिया पावर प्लांट में आग लगने से यूक्रेन के लोगों पर क्या असर पड़ेगा?



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