CWG 2022: बैडमिंटन में सात स्वर्ण समेत 25 पदक जीत चुका है भारत, इस बार सिंधु-श्रीकांत और लक्ष्य से सोने की आस


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स्टार शटलर पीवी सिंधु, किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन के साथ ही गत विजेता मिश्रित टीम से राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को स्वर्ण पदक की बड़ी आस है। बैडमिंटन को राष्ट्रमंडल खेलों में 1966 में जगह मिली थी। भारत को पहला पदक कांस्य के रूप में इन्हीं खेलों में मिला था। दिनेश खन्ना ने यह पदक दिलवाया था।

अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन में भारत सात स्वर्ण, सात रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदक जीत चुका है। वहीं, पदक तालिका में भारत इंग्लैंड (37 स्वर्ण, 34 रजत और 38 कांस्य) और मलेशिया (29 स्वर्ण, 21 रजत और 14 कांस्य) के बाद तीसरे नंबर पर है।
भारत बैडमिंटन में नई शक्ति के रूप में उभर रहा है। 2018 में गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता था। भारतीय टीम ओवरऑल चैंपियन रही थी। 2018 में साइना नेहवाल ने पीवी सिंधु को हराकर महिला एकल का स्वर्ण जीता था।
2018 में भारतीय मिक्स्ड टीम ने मलेशिया जैसी शक्तिशाली टीम को हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा पुरुष एकल में किदांबी श्रीकांत और पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी ने रजत पदक जीता। अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी ने महिला युगल में कांस्य जीता था।

इस बार थॉमस कप में भारतीय पुरुष टीम की ऐतिहासिक जीत और सिंधु का सिंगापुर ओपन में चैंपियन बनना यह बताता है कि टीम इंडिया से पार पाना दूसरे देशों के लिए आसान नहीं रहने वाला है। थॉमस कप जीतने से भारतीय पुरुष टीम का उत्साह बढ़ा हुआ है।
एकल मुकाबलों में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, आकर्षी कश्यप, विश्व चैंपियनशिप के रजत और कांस्य विजेता क्रमश: किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन भारतीय चुनौती पेश करेंगे। वहीं, 2018 के रजत विजेता चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी पुरुष युगल में, महिला युगल में गायत्री गोपीचंद और त्रीसा जॉली तथा मिश्रित युगल में सुमित रेड्डी और अश्विनी पोनप्पा पर दारोमदार रहेगा। मिश्रित टीम में सभी खिलाड़ी भारतीय चुनौती को पेश करेंगे।
प्रकाश पादुकोण (1978), सैयद मोदी (1982), साइना नेहवाल (2010 और 2018), ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा (2010, महिला युगल), पी कश्यप (2014), मिश्रित टीम (2018, किदांबी श्रीकांत, साइना नेहवाल, सात्विकसाईराज रैंकिरेड्डी, अश्विनी पोनप्पा, प्रणव जेरी चोपड़ा, चिराग शेट्टी, एन सिक्की रेड्डी, जीआर शिवानी, पीवी सिंधू, प्रणय कुमार)।

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स्टार शटलर पीवी सिंधु, किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन के साथ ही गत विजेता मिश्रित टीम से राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को स्वर्ण पदक की बड़ी आस है। बैडमिंटन को राष्ट्रमंडल खेलों में 1966 में जगह मिली थी। भारत को पहला पदक कांस्य के रूप में इन्हीं खेलों में मिला था। दिनेश खन्ना ने यह पदक दिलवाया था।

अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन में भारत सात स्वर्ण, सात रजत और 11 कांस्य सहित कुल 25 पदक जीत चुका है। वहीं, पदक तालिका में भारत इंग्लैंड (37 स्वर्ण, 34 रजत और 38 कांस्य) और मलेशिया (29 स्वर्ण, 21 रजत और 14 कांस्य) के बाद तीसरे नंबर पर है।



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