D J Narain: मोदी सरकार के इस सीनियर अफसर ने म्यूजिक के लिए छोड़ दी नौकरी, पढ़िए क्या है आगे की तैयारी..!


 

शाहिद कपूर को फिल्मी हीरो के तौर पर लोगों ने बहुत बाद में जाना, पहले उन्हें जाना म्यूजिक वीडियो ‘आंखों में तेरा ही चेहरा..’ के क्यूट ब्वॉय नेक्स्ट डोर के लिए। तब से शाहिद ने मनोरंजन जगत के घाट घाट का पानी पी डाला है। और, ऐसा ही कुछ हुआ इस गाने को बनाने वाले बैंड ‘आर्यन्स’ के साथ। इस बैंड के एक सदस्य डी जे नारायन, भारत सरकार के मुलाजिम रहे हैं। बैंड ने मिलकर बरसों पहले आखिरी गाना बनाया था, ‘कहता है दिल बार बार’…फिर डी जे नारायन अपनी नौकरी में व्यस्त हो गए। केंद्र में नई सरकार आई तो रुतबा भी बढ़ा औऱ जिम्मेदारी भी लेकिन, अब जब सब कुछ अपनी गति में आ चुका है। डी जे नारायन ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वजह? जीवन का सुख उन्हें केंद्र सरकार की नौकरी से बेहतर संगीत की सेवा में महसूस होने लगा है। हालांकि, वह अब भी अपनी सरकारी सेवा को जनसेवा का बेहतरीन माध्यम मानते हैं और सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं कि उसने उन्हें जनसेवा का इतना लंबा मौका दिया।

डी जे नारायन, पूरा नाम धर्मेन्द्र जय नारायन, हिंदी पॉप म्यूजिक का एक बहुत ही लोकप्रिय नाम रहा है। पॉप बैंड आर्यन्स के संस्थापक सदस्य रहे डी जे ने भारतीय सूचना सेवा में रहते हुए पॉप की दुनिया में बड़ा नाम कमाया। केंद्र सरकार की नौकरी से इस्तीफा देने से ठीक पहले तक वह वाणिज्य, कपड़ा व अन्य मंत्रालयों के सूचना महानिदेशक पद पर काम करते रहे हैं। उनको जो करीब से जानते हैं, उन्हें इनकी जीवन यात्रा किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं लगती।

 

‘अमर उजाला’ ने जब उनसे इस नए सफर के बारे में चर्चा की तो डी जे कहते हैं, ‘कोरोना संक्रमण काल के दो बरसों ने मुझे बहुत कुछ सोचने पर मजबूर किया। मैं संगीत को छोड़ सेवाक्षेत्र में आ गया था। खूब तरक्की की। केंद्र में नई सरकार बनी तो और भी बहुत कुछ करने को मिला। मैं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के निकट सानिध्य में अपनी ऊंचे ओहदे वाली नौकरी भी अच्छे से कर ही रहा था लेकिन मुझे लगा कि शायद मेरी असल साधना संगीत है। इसीलिए कोरोना की तीसरी लहर के बाद जब हालात सामान्य होने शुरू हुए तो मैंने पीयूष जी से इस पर चर्चा की और उन्होंने जब मुझे अपने दिल की बात सुनने का हौसला दिया तो मैंने इस्तीफा दे दिया।’

 

जिन लोगों ने 90 के दशक से लेकर नई सदी के शुरुआती दिनों तक हिंदुस्तानी पॉप संगीत पर नजर रखी है, उन सबको पता है कि आर्यन्स बैंड का जलवा उन दिनों कैसा होता था। ‘देखा है तेरी आंखों को’, ‘ये हवा’, ‘आंखों में तेरा ही चेहरा’ जैसे गानों पर उन दिनों के युवा दिन रात झूमा करते थे। और, जब ‘आर्यन्स’ की शोहरत आसमान छू रही थी तो डी जे नारायन ने एकांतवास को चुना और केंद्र सरकार की नौकरी में पूरा समय लगाना शुरू कर दिया।  डी जे नारायन पुणे स्थित फिल्म इंस्टीट्यूट के निदेशक भी रह चुके हैं।

 

बीते डेढ़ दशक तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अलग अलग पदों पर काम करते हुए डी जे महानिदेशक के पद तक जा पहुंचे लेकिन जिस शांति, संतोष और सुख की तलाश में वह रहे, उसका सूत्र उन्हें बीते दो साल के दौरान ही समझ आया। लोगों की सेवा करते करते डी जे ने ये भी समझा कि अपने भीतर के कलाकार को दबा कर उन्होंने अच्छा नहीं किया और उन्हें संगीत की अपनी ललक को अब और नहीं दबाना चाहिए। इसी ख्याल के बाद डी जे ने केंद्र सरकार की नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया और लौट आए अपने पहले प्यार पॉप म्यूजिक की तरफ।



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